Corona effect : पीडि़त मानवता की सहायता में गुम हो गए नेताओं के जहरीले बोल

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। अंग नगरी की राजनीति में जब-तब अपने जहरीले बोल से एक दूसरे को छलनी करने वाले नेताओं की आत्मा जग गई है। कोरोना वायरस से पीडि़त मानवता की सहायता में उनका यह जगना। एक-दूसरे पर बात-बात पर हमलावर होना। अपनी राजनीतिक समझ मुताबिक नीचा दिखाना स्वफुर्त गायब हो गया है। उनमें आया यह सहज बदलाव समाज को अनूठा संदेश है। ऐसा संदेश कि राजनीति में जो मर्यादाएं लांघ देते रहे हों लेकिन जब संकट की घड़ी होगी तो सब एकजुट रहेंगे। अंग नगरी के नेताओं में आए इस बदलाव को यहां के लोग महसूस भी करने लगे हैं। भाजपा, राजद, जदयू, कांग्रेस, लोजपा, रालोसपा, भाकपा, माले, माकपा, विभिन्न दलों से जुड़े संगठनों, सामाजिक संगठनों की भूमिका सकारात्मक रूप से दिखने लगी है।

कोरोना के संदिग्ध मरीजों, उनके परिजनों के अलावा वैसे लोगों जिनके समक्ष भोजन के लाले पड़ गए हैं। उनके सामने राशन का संकट, भोजन का संकट। रोज कमाने वाले मजदूरों, रिक्शा चालकों, ठेला चालकों, दिहाड़ी मजदूरों, मलिन बस्तियों, झुग्गी में रहने वालों को भोजन, कच्चा राशन पहुंचाने का बीड़ा उठा रखा है।
विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं जिनमें नगर विधायक अजीत शर्मा, जिला परिषद अध्यक्ष अनंत कुमार साह, महापौर सीमा साहा, डिप्टी मेयर राजेश वर्मा, अर्जित शाश्वत चौबे, रोहित पांडेय, पूर्व डिप्टी मेयर डॉ. प्रीति शेखर, प्रशांत विक्रम, अभय बर्मन, चंद्रशेखर यादव, डॉ. तिरुपति यादव, पप्पू यादव, विक्रम यादव, श्यामल मिश्रा, मेराज बबलू, डॉ. सलाहउद्दीन अहसन, मुहम्मद असगर, मुजफ्फर अहमद, डॉ. एजाज अली रोज, रमण कर्ण, आनंद श्रीवास्तव, राजकिशोर केसरी, मंतोष कापरी, राजदीप यादव राजा, सुड्डु साईं, अमर सिंह कुशवाहा, सचिव अभिषेक, संजीव शर्मा, संजय साह, सूरज शर्मा, अमित साह, अश्विनी जोशी मोंटी, मुकेश मुक्त, विनय कुमार गुप्ता, मुहम्मद सोनू, संतोष कुमार, शिशुपाल भारती, आनंद शुक्ला, शाहिद खान, मुहम्मद शाबिर, माला सिंह, मंजर आलम समेत दर्जनों ऐसे राजनीतिक, सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग शामिल हैं। कई ऐसे भी मददगार सामने आए हैं जो भोजन-राशन से मदद ना कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देकर राहत कोष में राशि देने की होड़ लगा दी है।
पूर्व महापौर दीपक भुवानियां, प्रभात केजरीवाल, शिव अग्रवाल, शिव डिडवानियां, अमित डिडवानियां समेत दर्जनों नेताओं, व्यवसायियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राहत कोष में बड़ी राशि जमा कराई है। कहीं कोई राजनीतिक घमासान नहीं। कभी एक दूसरे के फूटे आंख नहीं दिखने वाले भी मैदान में नेपथ्य से हैं। बाहर रहकर भी अंग नगरी की चिंता और कुछ कर गुजरने की ललक है। नेपथ्य में रहकर मंत्री अश्विनी चौबे, सांसद निशिकांत दुबे, राज्य सभा सांसद कहकशां परवीन, विधान पार्षद ललन सर्राफ, डॉ एनके यादव भी केंद्र-राज्य सरकार पर अंग नगरी के लिए कुछ करवाने की जोर लगाए हुए हैं। सबकुछ साफ झलक रहा है। संकट की घड़ी में इन नेताओं के एक दूसरे पर चलने वाले जहरीले तीर तुड़ीन से स्वफुर्त गुम हो गए हैं।

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