कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन के बीच संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. ये आंकड़े तबलीगी जमात के मरकज में शामिल लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद बढ़ रहे हैं. इस धार्मिक कार्यक्रम में हजारों लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है. ऐसे में कुछ लोगों ने इस मामला को अब हिंदू-मुस्लिम एंगल देना भी शुरू कर दिया है. अब इस पर ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया पर सवाल खड़े किए हैं.
ओवैसी ने कहा, "कुछ मीडिया वाले केंद्र सरकार की चापलूसी करने की वजह से कोविड-19 को लेकर झूठा प्रोपेगेंडा चला रहे हैं. इनको इंसानियत से कोई लेना देना नहीं है. सच कहें तो कोविड-19 का कोई धर्म नहीं है. पूरे विश्व में लाखों लोग कोरोना से संक्रमित हैं, क्या ये हमने फैलाया है? अमेरिका में एक लाख से ऊपर कोरोना से संक्रमित हैं. क्या ये हमने फैलाया है? इटली, स्पेन वगैरह कई देशों में हजारों लोग मर रहे हैं, क्या इसके लिए भी हम जिम्मेदार हैं?"
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हैदराबाद सांसद ने आगे कहा, "आप लोग ये कर सकते हैं कि जिन्होंने इस कार्यक्रम आयोजित किया, उनपर उंगली उठा सकते हैं, मगर उनकी वजह से पूरे धर्म को बदनाम करना बहुत गलत है. ये मीडिया का झूठा प्रोपेगेंडा है."
ओवैसी ने मीडिया से विनती की है कि कृपया 15 दिनों तक हिंदू-मुस्लिम न करें. फिलहाल देश में बहुत बड़ी आफत आई हुई है. उसके बाद हमेशा की तरह आप हिंदू-मुस्लिम करते रहिये.
कोरोना वायरस की वजह से तबलीगी जमात के जिन 8 लोगों की मौत हुई है, उन्हें ओवैसी ने शहीद का दर्जा दिया. ओवैसी ने कहा कि जो 8 लोग शहीद हुए हैं, उनमें से 4 लोगों का पूरा परिवार कोरोना से संक्रमित है. सरकार उन सभी को क्वारंटाइन में रख रही है, जो कि दिल्ली के कार्यक्रम में हिस्सा लेने गए थे.
वहीं इस बीच हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें वो हैदराबाद के पुराने शहर में अपनी बाइक पर हेलमेट पहने बिना मास्क लगाए घूमते नजर आए.
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