इन शब्दों को दोहराकर मिल सकती है डिप्रेशन से राहत

जीवन में असफलता, प्यार में धोखा, या कोई दुर्घटना आदि, अक्सर ज़िन्दगी में डिप्रेशन की वजह बन जाते हैं। आपके शुभचिंतक आपको इन परिस्तिथियों से उबारने की कोशिश करते हैं। कितनी बार ऐसे डिप्रेशन के शिकार लोगों को काउंसलर का सहारा लेना पड़ता है। सरल शब्दों में यह एक ऐसी स्तिथि होती है जिसमें निराश इंसान को ज़िन्दगी के प्रति अपना नज़रिया बदलने की ज़रूरत पड़ती है। जिससे वह खुद को पॉजिटिव एनर्जी से भर खुशहाल जीवन जी सके। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम आज आपको कुछ ऐसे फ्रेज के बारे में बताएंगे जिनको दोहराकर काफी हद तक डिप्रेशन की स्तिथि को कम किया जा सकता है।

ओम चेंटिंग

जब इंसान डिप्रेशन की स्तिथि में होता है तो उसकी लड़ाई खुद से ही होती है। इसमें वह खुद ही अपने विचारों से जूंझ रहा होता है। ऐसी हालत में उसको आंतरिक शांति की जरूरत होती है। जिसे पाने के लिए बार-बार ॐ शब्द की चेंटिंग की जा सकती है। ऐसा करने से व्यक्ति को खुद को समझने का मौका मिलता है। आध्यात्मिक सुख प्राप्त होने लगता है और जल्द ही इन परिस्तिथियों से उबरने लगता है।
मैं स्ट्रांग हूं

कुछ लोग सोचते हैं कि केवल कमजोर और जरूरतमंद लोग ही डिप्रेशन के शिकार होते हैं। लेकिन यह जरूरी नहीं क्योंकि डिप्रेशन की प्रॉब्लम किसी भी इंसान को हो सकती है। जिसको कम करने के लिए ऐसे व्यक्ति को i am Strong जैसे वाक्य को बार-बार दोहरान चाहिए। इसको बार-बार बोलने से उसको पॉजिटिव एनर्जी मिलती हैं जो उसको डिप्रेशन को कम करने में मदद करती है।
आई विल गेट बेटर

डिप्रेशन की असली वजह जीवन में निराशा होती है। I Will Get Better जैसे शब्दों को दोहराने से इंसान को पॉजिटिव एनर्जी मिलती है जो उसको डिप्रेशन की बुरी स्तिथि से निपटने में उसकी मदद करती है। वास्तव में आप समय के साथ अच्छा महसूस करने लगते हैं क्योंकि काले बादल ज्यादा समय तक अंधेरा नहीं रख सकते।
नो डेंजर

डिप्रेशन एक ऐसी स्तिथि होती है जिसमें इंसान ही खुद मदद कर सकता है। No Danger इस फ्रेज को रिपीट करने से इंटरनल हीलिंग होती है। बार-बार ऐसा कहने से इंसान को महसूस होने लगता है कि उसके जीवन में कोई खतरे नहीं है। ऐसा कहने से हमारे विचारों में भी यही बात झलकने लगती है।
जब भी आपको मानसिक थकान और डिप्रेशन महसूस होने लगे तो इन शब्दों को दोहराना न भूलें। हो सकता है यह आपको या आपके किसी प्रिय को जीवन का सुखद पहलू दिखाने में काम आ जाएं। ज्यादा गंभीर स्तिथि में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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