भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक फिल्म 'पीएम नरेन्द्र मोदी' को बैन किए जाने के बाद चुनाव आयोग ने अब ममता बनर्जी की बायोपिक फिल्म के ट्रेलर पर रोक लगा दी है। ममता बनर्जी की बायोपिक फिल्म 'बाघिनी' के बारे में चुनाव आयोग का कहना है कि इसने सीबीएफसी से सर्टिफिकेट नहीं लिया है। सेंसर बोर्ड ने तीन वेबसाइट्स से फिल्म का ट्रेलर हटाने के लिए कहा है। इसके अलावा चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के सीईओ से रिपोर्ट मांगी है। जहाँ तक बात इस बारे में ममता बनर्जी के बयान की है तो उन्होंने इस बायोपिक के साथ उनका कोई भी संबंध होने की बात को खारिज किया है। ममता बनर्जी ने ट्वीट करके कहा, 'ये सब क्या बकवास फैलाई जा रही है। मेरी बायोपिक से मेरा कोई भी लेना देना नहीं है। यदि कुछ युवा कोई जानकारी एकत्र करके कुछ फैला रहे हैं तो ये उनका निजी मामला है। हमसे कोई संबंध नहीं है। मैं नरेंद्र मोदी नहीं हूं। कृपया झूठ फैलाकर मुझे मानहानि केस दर्ज करने के लिए मजबूर मत करो।
सीईओ से रिपोर्ट मिलने के बाद चुनाव आयोग बायोपिक को देखगा। चुनाव आयोग ने फिल्म का ट्रेलर दिखा रही तीनों वेबसाइट्स से आयोग के निर्देशों का उल्लंघन करने की बात भी कही है। आयोग ने कहा कि फिल्म को अभी तक सेंसर बोर्ड फॉर फिल्म सर्टिफिकेशन से पास नहीं किया गया है और बावजूद इसके इसका ट्रेलर दिखाया जा रहा था। इस बारे में आयोग को शिकायत मिली थी जिस पर कार्रवाई हुई है।
सीईओ से रिपोर्ट मिलने के बाद चुनाव आयोग बायोपिक को देखगा। चुनाव आयोग ने फिल्म का ट्रेलर दिखा रही तीनों वेबसाइट्स से आयोग के निर्देशों का उल्लंघन करने की बात भी कही है। आयोग ने कहा कि फिल्म को अभी तक सेंसर बोर्ड फॉर फिल्म सर्टिफिकेशन से पास नहीं किया गया है और बावजूद इसके इसका ट्रेलर दिखाया जा रहा था। इस बारे में आयोग को शिकायत मिली थी जिस पर कार्रवाई हुई है।
गौरतलब है कि 10 अप्रैल को जारी किए गए अपने आदेश में चुनाव आयोग ने कहा था कि कोई भी बायोपिक फिल्म जो किसी राजनीतिक दल या राजनेता का गुणगान करती हो उसे बायोग्राफी या हैजियोग्राफी के रूप में रिलीज नहीं किया जाए। चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' को रिलीज के ठीक एक दिन पहले बैन कर दिया था। इसके साथ ही आयोग ने ये निर्देश जारी किए थे। कल ही चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को 20 पेज की रिपोर्ट पेश की है जिसमें कहा गया है कि पीएम नरेन्द्र मोदी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पूजनीय और संत बताया गया है। यह सिर्फ उनका ही गुणगान करती है। इसे देखते हुए इसे 19 मई तक प्रदर्शित नहीं किया जा सकता है क्योंकि इससे लोकसभा चुनाव प्रभावित होंगे।
गौरतलब है कि 10 अप्रैल को जारी किए गए अपने आदेश में चुनाव आयोग ने कहा था कि कोई भी बायोपिक फिल्म जो किसी राजनीतिक दल या राजनेता का गुणगान करती हो उसे बायोग्राफी या हैजियोग्राफी के रूप में रिलीज नहीं किया जाए। चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' को रिलीज के ठीक एक दिन पहले बैन कर दिया था। इसके साथ ही आयोग ने ये निर्देश जारी किए थे। कल ही चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को 20 पेज की रिपोर्ट पेश की है जिसमें कहा गया है कि पीएम नरेन्द्र मोदी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पूजनीय और संत बताया गया है। यह सिर्फ उनका ही गुणगान करती है। इसे देखते हुए इसे 19 मई तक प्रदर्शित नहीं किया जा सकता है क्योंकि इससे लोकसभा चुनाव प्रभावित होंगे।