लॉकडाउन ने अनलॉक किया यादों का पिटारा

पटना। लॉकडाउन ने लोगों को अपने परिवार और अपनों से जोड़ने में बहुत ही अहम भूमिका निभाई है। रोज की भाग-दौड़ भरे जिंदगी में लोगों के पास खुद के लिए समय नहीं होता था। आजकल लोग अपनों के साथ घंटों समय गुजार रहे हैं। फुरसत में किसी को अपना बचपन याद आ रहा है, तो किसी को शादी के खूबसूरत लमहे। पेश है एक रिपोर्ट : 22 साल के बाद पता चला चूड़ी में लिखा था पति का नाम :

राजेंद्रनगर के रहने वाले मनोज और अर्चना की शादी के 24 साल गुजर चुके हैं। लॉक डाउन ने दोनों को अरसे बाद खूब सारा समय एकसाथ बैठकर गुजारने का मौका दिया है। ऐसे में दोनों आराम से बैठकर अपनी शादी का वीडियो देख रहे हैं। मनोज बताते हैं कि उन्होंने शादी के इतने साल के बाद ध्यान दिया कि उनकी पत्नी ने हाथों में जो चूड़ी पहनी थी उसमें दोनों का नाम लिखा हुआ है। शादी का वीडियो देखते वक्त कई सारे ऐसे रिश्तेदारों को देखने का मौका मिला, जिनको शादी के बाद कभी देखा नहीं था। वीडियो देखा तो याद आया कि शादी के दिन पति ने जिस रंग की शेरवानी पहनी है, ठीक उसी रंग का अर्चना ने लहंगा पहन रखा है। पापा की यादों के साथ कट रहा है लॉकडाउन :
कंकड़बाग की रहने वाली संगीता नंदा बताती हैं कि अभी कुछ दिन पहले ही वो अपने मायके गई हुई थीं। वहां उन्हें उनके पापा की लिखी हुई डायरी मिली। उस डायरी को अपनी मां से पूछकर अपने साथ लेकर आ गई। संगीता बताती हैं कि लॉकडाउन में उन्होंने अपने पिता की डायरी और उनसे जुड़ी यादों को संजो रही हैं। संगीता बताती हैं कि दो साल पहले उनके पिता का साया सिर से उठ गया था, लेकिन इस डायरी ने जैसे उन्हें फिर से सामने लाकर खड़ा कर दिया। बच्चों के बचपन के साथ बीत रहा है लॉकडाउन :
बैंक कॉलोनी की रहने वाली श्वेता सिंह लॉकडाउन में अपने बच्चों के साथ वक्त गुजार रही हैं। श्वेता बताती हैं कि अब उनके बच्चे बड़े हो गए हैं। स्कूल और कोचिग जाने के कारण बच्चों के साथ ज्यादा समय नहीं दे पाती थीं। अब बच्चों के साथ ज्यादा वक्त गुजर रहा है। खूब वक्त मिल रहा है तो घर की सफाई शुरू हो गयी है। इस दौरान बच्चों के बचपन की ढेर सारी यादगार चीजें सामने आ रही हैं। बच्चों के पुराने कपड़े और खिलौने उनके बचपन की याद दिला रहे हैं। शादी के एलबम से याद आ रहे वो दिन :
पटेल नगर के रहने वाले दिलीप और जयश्री अपनी शादी के 33 साल बाद अपनी शादी के एलबम को देख कर अपने पुराने दिनों को याद कर रहे हैं। जयश्री अपनी शादी के दौरान रोने का सीन देखकर भावुक हो रही हैं, वहीं दिलीप उनके कपड़ों को देखकर खूब हंस रहे हैं। संजय बताते हैं कि शादी के दिन कैसे उन्हें काजल और नेल पॉलिश लगाकर तैयार किया गया था। जब वो बरात लेकर निकल रहे थे तो कैसे उन्हें उनकी भाभियां परेशान कर रही थीं। वहीं जयश्री अपने मां और पिता की फोटो देखकर भावुक हो रही हैं। 22 साल पहले दोस्त ने लिखा था लेटर :
कदमकुआं की रहने वाली नीतू गुप्ता लॉकडाउन के दौरान घर की साफ-सफाई कर रही थीं तो उन्हें अपने कॉलेज की एक दोस्त द्वारा लिखा लेटर मिला। नीतू बताती हैं कि जब वो कॉलेज में थीं तो उस समय फोन या मोबाइल का इतना चलन नहीं था। ऐसे में दोस्त और स्वजन लेटर लिखकर ही हाल-चाल लिया करते थे। इस लॉकडाउन ने मुझे अपने दोस्त और उसकी यादों से मिलवा दिया।

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