जागरण संवाददाता, गोपालगंज : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए पूरे देश में लॉक डाउन लागू किया गया है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को बेहतर देखभाल की आवश्यकता है। महिलाएं दिनभर काम में इतना व्यस्त रहती हैं कि अपनी सेहत की तरफ ध्यान ही नहीं देती। जागरूकता के अभाव में थकान, सुस्ती, दर्द, सर्दी-जुकाम और बुखार जैसे कुछ लक्षणों की ओर महिलाओं का ध्यान ही नहीं जाता। जो कभी-कभी किसी गंभीर बीमारी का संकेत दे रहे होते हैं। अगर इन संकेतों को समय रहते पहचान लिया जाए तो कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। गर्भवती महिलाओं को बेहतर खान-पान का ध्यान रखना जरूरी है। एनीमिया को नजरअंदाज नहीं करें। इसके लक्षणों व खान-पान की विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। सिविल सर्जन डॉ. नंदकिशोर प्रसाद सिंह ने बताया गर्भावस्था में फल खाना बहुत जरूरी है। लेकिन कोई भी फल खाने से पहले ये सुनिश्चित कर लें कि फल अच्छी तरह से धुले हुए हों। वरना संक्रमण का खतरा हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान जंक फूड खाने से परहेज करना ही बेहतर होगा। इसमें उच्च मात्रा में फैट होता है, जिसकी वजह से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान संपूर्ण आहार लेना बहुत जरूरी है। शरीर को सभी पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिलने से ही बच्चे का भी सही विकास होगा। फोलिक एसिड की पर्याप्त मात्रा लेना गर्भवती महिलाओं के लिए जरुरी है। पौष्टिक आहार का करें सेवन
गोपालगंज : सिविल सर्जन के बताया कि एनीमिया से बचाव के लिए पौष्टिक आहार का सेवन बेहतर होता है। उन्होंने बताया कि सेम, मसूर, किशमिश, खजूर, अंजीर, छिलका युक्त आलू, ब्रोकली, गांठ गोभी, हरी पत्तेदार सब्जियां, अखरोट-मूंगफली, अंकुरित बीज, गुड़, दलिया के अलावा गाजर, टमाटर, चुकंदर का सलाद एवं केला खाने से भी खून की कमी दूर होती हैं।
इनसेट
क्या है एनीमिया का लक्षण
- थकान महसूस होना
- नाखूनों का पीला पड़ना
- चक्कर आना
- पैरों के तलवों में ठंडापन
- लगातार सिर दर्द रहना
- आंखों के सामने अंधेरा छाना ।
Posted By: Jagran
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