कोरोना वायरस (Coronavirus) पीड़ितों के मामले दिन प्रति-दिन बढ़ते जा रहे हैं. इससे बचने के लिए किए गए उपायों में एन 95 मास्क (N95 Mask) काफी हद तक कारगर है. लेकिन अब इसकी भी बाजारों और अस्पतालों में कमी हो गई है. डॉक्टर बार-बार एक ही मास्क को पहनकर काम करने को मजबूर हैं. इस परेशानी से बचने के लिए ड्यूक हेल्थ हॉस्पिटल के शोधकर्ता मास्क को साफ कर उसे दोबारा इस्तेमाल करने लायक बना रहे हैं.शोधकर्ताओं का मानना है कि कई बार इस्तेमाल किए हुए मास्क को पहनकर इलाज करना डॉक्टरों और मरीजों दोनों के लिए खतरनाक है. इससे संक्रमण फैलने का खतरा काफी बढ़ जाता है. इस परेशानी से बचने के लिए ड्यूक अस्पताल के शोधकर्ताओं ने मास्क को साफ करने की तरकीब ढ़ूंढ़ ली है. जिसे डॉक्टर आसानी से इस्तेमाल किए हुए मास्क को दोबारा पहनकर इलाज कर सकते हैं. ड्यूक अस्पताल के शोधकर्ताओं ने दूसरे अस्पतालों को भी इसका सुझाव दिया.शोधकर्ताओं ने बताया कि मास्क को लैब में साफ करना काफी आसान है. हाइड्रोजन पेरोक्साइड का उपयोग कर मास्क को साफ किया जा सकता है. एक बार में लगभग 500 मास्क को साफ किया जा सकता है. एक मास्क को धोने के बाद 30 बार इस्तेमाल किया जा सकता है. मास्क को साफ करने का सही तरीका: हाइड्रोजन पेरोक्साइड से मास्क पर जमा हुए सुक्ष्म जीव खत्म हो जाते हैं. शोधकर्ताओं ने बताया कि वे इस तकनीक का इस्तेमाल कर हजारों मास्क को अब तक साफ कर चुके हैं. उन्होंने आगे बताया कि एक बार इस प्रक्रिया को पूरा कर लगभग 500 मास्क को साफ किया जा सकता है. इसमें लगभग चार घंटे का समय लगता है. पहले के शोध से पता चलता है कि मास्क को 30 से 50 बार इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन इस बात का अब तक कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला कि मास्क को कितनी बार इस्तेमाल किया जा सकता है.वायरस से बचाव के लिए मास्क है आवश्यक कोरोनोवायरस रोगियों का इलाज करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए श्वसन यंत्र (मास्क), आई मास्क, दस्ताने और गाउन जैसे व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण आवश्यक हैं. वायरस मुख्य रूप से सांस की बूंदों के माध्यम से फैलते हैं. यदि कोई भी डॉक्टर और नर्स बीमार होते हैं, तो रोगियों की देखभाल करने वाले लोग कम हो जाएंगे. तो यह जरूरी है कि वे साफ मास्क का प्रयोग करें. शोधकर्ताओं ने बताया कि मास्क को साफ करते वक्त काफी सावधानी बरतनी चाहिए.