नई दिल्ली (New Delhi) . सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में आज कोरोना (Corona virus) टेस्ट को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है. कोर्ट में याचिका में कहा कि कोरोना का टेस्ट सरकार (Government) मुफ्त करवाए. इस वक्त कोरोना टेस्ट कराने के लिए निजी लैब में 4500 रुपये चार्ज लग रहा है. याचिका में मांग की गई है कि टेस्ट को फ्री किया जाए यानी इसका कोई शुल्क न लिया जाए.
कृषि यंत्र एवं पार्टस की दुकानें लॉकडाउन के प्रतिबंध से मुक्त
वकील शशांक देव सुधी ने कहा है कि कोरोना टेस्ट के लिए सरकार (Government) ने जो 4500 रुपये का शुल्क तय किया है उसे रद्द किया जाए और पूरा टेस्ट मुफ्त किया जाए. याचिका में मांग की गई है कि देश के हर जिले में कम से कम 100 या 50 वेंटिलेटर मौजूद होने चाहिए. ताकि आपात स्थिति में बिना परेशानी के इसका इस्तेमाल किया जा सके.याचिका में अदालत से दरख्वास्त की गई है कि सरकार (Government) मरीजों की स्पष्ट जानकारी समय समय पर जनता को देते रहे. इसके तहत, कोरोना से संक्रमित, कोरोना के लिए टेस्ट किए गए, कितने लोगों का इलाज चल रहा है और कितने लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं, सरकार (Government) इसकी जानकारी जनता को दे.
चावल, गेहूं, दाल, आटा, शक्कर आवश्यक वस्तुओं की सूची में शामिल
इस बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में आज दिल्ली एनसीआर से मजदूरों के पलायन के मुद्दे पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस एसए बोवडे ने केंद्र सरकार (Government) को कहा है कि 24 घंटे में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाए. इस समिति का गठन स्वास्थ्य मंत्रालय करेगा, जो हर रोज लोगों के सवालों का जवाब देगा और उनकी चिंताओं को दूर करेगा.
प्रधानमंत्री राहत कोष में एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंड़िया के कर्मचारियों ने दिए 20 करोड़ रुपए