पटना। दिल्ली में तबलीगी जमात में शामिल 24 लोगों में कोरोना की पुष्टि हो जाने के बाद बिहार में भी हड़कंप मचा हुआ है। बिहार में इसमें शामिल लोगों की पहचान शुरू हो गई है। पटना में 17 और बक्सर में 11 मौलवियों का सैंपल लिया गया।
हाल ही में पटना जिला प्रशासन ने पटना के फुलवारी संगी मस्जिद में किर्गिस्तान से आए 7 मौलवी और समनपुरा के एक घर में 8 मौलवी और उनके दो गाइड को कोरेंटाइन किया था। तब इनकी प्रारंभिक जांच हुई थी। अब तब्लीगी जमात में शामिल लोगों में कोरोना पुष्टि के बाद मंगलवार को इनका सैंपल लिया गया। सिविल सर्जन द्वारा गठित टीम ने यह सैंपल लिया। फुलवारी में ठहरे लोग आठ मार्च को पटना आए थे।
वहीं, बक्सर में तब्लीगी जमात से आए 11 विदेशी मौलवियों की कोरोना की जांच जिला प्रशासन करा रहा है। डीएम अमन समीर ने बताया कि बक्सर जिले में कुल 11 विदेशी आए हैं, जो डुमरांव अनुमंडल के नया भोजपुर की एक मस्जिद में रह रहे हैं। इनमें इंडोनेशिया के सात और मलेशिया के चार लोग शामिल हैं। इनके साथ मुंबई के दो द्विभाषिए भी हैं। इन्हें डुमरांव में कोरेंटाइन कर दिया गया है।
पटना में कई जगह घूमे थे विदेशी फुलवारी के संगी मस्जिद में किर्गिस्तान निवासी आठ मुस्लिम धर्मगुरु तब्लीगी जमात में शामिल होकर आठ मार्च को पटना आए थे। उसके बाद नूरी मस्जिद पटना सिटी में रुके थे। वहां से 21 मार्च को फुलवारी के हारून कॉलोनी में आए थे। 23 मार्च को अलबा कॉलोनी में गए। यहीं से पुलिस ने इन्हें पकड़ा था। उसके बाद प्रारंभिक मेडिकल जांच हुई थी। तब से चौदह दिन के लिए इन्हें फुलवारी के संगी मस्जिद में कोरेंटाइन किया गया था। मंगलवार को इनका सैंपल लिया गया है।
कुर्जी में पकड़े जाने पर हुआ था हंगामा आठ दिन पहले कुर्जी के मस्जिद में इन विदेशियों के छिपे होने के कारण आसपास के लोगों ने हंगामा कर दिया था। उस समय उनको जांच के लिए एम्स ले जाया गया। लेकिन उनलोगों ने चार माह से भारत में रहने की जानकारी दी। इसके पहले उनलोगों ने मुंबई और दिल्ली में रहने की जानकारी भी दी थी। लेकिन मजलिस में शामिल होने की कोई जानकारी एम्स के डॉक्टरों को उन्होंने नहीं दी थी। सभी के स्वस्थ रहने और तत्काल वदेश से लौटने की हिस्ट्री नहीं होने से उनलोगों को सैंपल लिए बिना ही एम्स से छोड़ दिया गया था। उन्हें होम कोरेंटाइन में समनपुरा में रखा गया था।
कोरोना जांच के साथ ही पासपोर्ट की भी होगी जांच बक्सर डीएम ने बताया कि जिले में ठहरे अभी सभी विदेशियों को डुमरांव में ही एक सार्वजनिक स्थल पर होम कोरेंटाइन कर दिया गया है। फिलहाल, उनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं मिला है। लेकिन, अब सभी की पूरी जांच कराई जाएगी। उनके पासपोर्ट समेत अन्य कागजात की जांच करने के लिए बक्सर पुलिस अधीक्षक को जिम्मेवारी दी गई है। उनका वीजा किस तरह का था, इसकी भी जांच की जाएगी।
मलेशिया दूतावास से सीधे डीएम को आया पत्र मलेशिया दूतावास की ओर से सीधे बक्सर डीएम को पत्र भेजकर इनलोगों को वतन वापस भेजने की व्यवस्था करने को कहा गया था। इसके बाद डीएम ने इसकी जानकारी राज्य सरकार के गृह मंत्रालय को दी। डीएम ने बताया कि कोई भी विदेशी दूतावास सीधे डीएम से पत्राचार नहीं कर सकता है। ऐसे में संबंधित देश को विदेशियों को सूचना दे दी गई है। इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय से ही पत्राचार करना है। अब राज्य सरकार के माध्यम से जो आदेश मिलेगा, उस पर कार्रवाई होगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में आने के पहले किसी भी विदेशी को स्थानीय प्रशासन को सूचना देनी है। ये सभी तीन मार्च को आए थे। लेकिन आने की सूचना इनके द्वारा नहीं दी गई थी। इसलिए अब कोरोना जांच के साथ- साथ सभी बिंदुओं पर जांच की जाएगी।