भारत को करना होगा दक्षिण कोरिया जैसा 'इलाज'
इज्तिमा में शामिल 10 लोगों की मौत
हैदराबाद : दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी के मरकज का कोरोना कनेक्शन सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। अब मरकज में आए लोगों की तलाश शुरू हो गई है। बताया जाता है कि तब्लीगी जमात के मरकज में हुए धार्मिक आयोजन में शामिल हुए लोगों का कनेक्शन 19 राज्यों तक है। अब हर राज्य में इनकी तलाश कर क्वारंटीन किया जा रहा है। मरकज पर धार्मिक आयोजन के वक्त वहां 3 हजार से ज्यादा लोग मौजूद रहे।
इज्तिमा में शामिल 10 लोगों की मौत
मिली जानकारी के अनुासर, तब्लीगी जमात के इज्तिमा में भारत, पाकिस्तान, मलेशिया समेत एशिया के कई देशों के लोगो ने हिस्सा लिया था। कोरोना से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहसिक कदम उठाते हुए भारत में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया है। इस जंग में तब्लीगी जमात ने ऐसी चोट पहुंचाई जिससे निपटने के लिए अब भारत को भगीरथ प्रयास करना होगा। इस इज्तिमा में शामिल होने वाले 10 लोगों की मौत हो गई है। और 300 के संक्रमित होने का खतरा है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के मुताबिक, तब्लीगी जमात के कार्यक्रम के बाद भी करीब 1500-1700 लोग इस मरकज में जमा थे।
किसकी लापरवाही
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में जनवरी से ही कोरोना से निपटने के लिए टेस्टिंग शुरू कर दी गई थी, फिर इतनी बड़ी तादाद में लोग इज्तिमा में कैसे शामिल हुए। क्या जो लोग इज्तिमा में शामिल हुए थे उनका टेस्ट नहीं हुआ था। साथ ही यह सवाल भी उभर कर आ रहा है कि जब सरकार जान रही है कि भारत में भी कोरोना का खतरा है तो फिर इसकी इजाजत क्यों दी गई। ऐसे कई सवाल हैं जिसका जवाब जनता को चाहिये। कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों की मौत का जिम्मेदार आखिर कौन है ?
शिन्चेऑन्जी चर्च के बाद अब तब्लीगी जमात
भारत में तब्लीगी जामत की तरह ही दक्षिण कोरिया के शिन्चेऑन्जी चर्च से पूरे देश में कोरोना वायरस फैल गया। दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस से संक्रमण के 9,786 मामले सामने आए हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो शिन्चेऑन्जी चर्च के अनुयायी हैं। कोरियाई प्रशासन का कहना है कि देश के दक्षिणी शहर डाएगू में बेहद रहस्यमयी समझे जाने वाले शिन्चेऑन्जी चर्च के सदस्यों में एक-दूसरे के जरिए कोरोना वायरस फैलता गया। फिर धीरे-धीरे देश के दूसरे हिस्सों में भी इसका असर होने लगा।
चर्च पर सरकार ने कार्रवाई कर कोरोना को रोका
चर्च से कोरोना के फैलने की जानकारी मिलने के बाद ही अधिकारियों ने बिना देरी किए वहां आपातकाल घोषित कर दिया। इतना ही नहीं, सरकार ने चर्च के कोरोना पीड़ित सदस्यों को ट्रैक करने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाया। चर्च में आए सभी लोगों को सरकार ने मरीज माना। इसके बाद बड़े पैमाने पर पूरे देश में कोरोना का टेस्ट किया गया और पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें अलग-थलग कर इलाज शुरू किया गया। इसके अलावा कोरिया रकार ने अत्याधुनिक तकनीक का भी बेहतर इस्तेमाल किया और क्वारेंटाइन मे भेजे गए लोगों के फोन में एक मोबाइल एप्लीकेशन डाला। इससे सरकारी अधिकारियों को उस व्यक्ति की गतिविधि पर नजर रखने में मदद मिली। अब माना जा रहा है कि तब्लीगी जमात मामले में भी भारत सरकार को दक्षिण कोरिया की राह पर चलना पड़ेगा, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत, कोरिया की तरह लड़ने में सक्षम है।
तब्लीगी जमात का मुख्यालय निजामुद्दीन स्थित मरकज
आप को बता दें कि निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात का मुख्यालय यानी मरकज है। यहां से हमेशा बड़ी-बड़ी जमातें निकलती हैं। सालों भर देश विदेश से लोग यहां जमात में आते है और इस्लाम की तब्लीग का काम करते हैं। इस मरकज में सालोंभर हजारों लोग की भीड़ होती है। लोग मरकज में ही रहते हैं और तब्लीग का काम करते हैं। यहां की सबसे बड़ी खास बात यह है कि यहां एक साथ 100 से अधिक लोग एक साथ खाना खाते हैं। यह सीलसीला लगातार चलते रहता है। यहां किसी की आने की मनाही नहीं होती। कई लोग इस जमात को धार्मिक कट्टर मानते है तो कई इसे जमात-ए-इस्लामी से जोड़कर देखते हैं। आप को बता दें कि तब्लीगी जमात का किसी राजनीतिक दल से ताल्लुक नहीं होता। यह सिर्फ लोगों की भलाई और बुराई से बचने की बात करते हैं। इसलिए इस जमात को कट्टर कहना गलत होगा।
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तब्लीगी जमात की तरफ से सफाई
इस मामले में तब्लीगी जमात की तरफ से प्रेस स्टेटमेंट भी जारी किया गया, जिसमें कहा गया है कि जब भारत में जनता कर्फ्यू का ऐलान हुआ, उस वक्त बहुत सारे लोग मरकज में रह रहे थे। 22 मार्च को प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया। उसी दिन मरकज को बंद कर दिया गया। बाहर से किसी भी आदमी को नहीं आने दिया गया। जो लोग मरकज में रह रहे थे उन्हें घर भेजने का इंतजाम किया जाने लगा। 21 मार्च से रेल सेवाएं बंद होने के कारण बाहर के लोगों को भेजना मुश्किल था। फिर भी दिल्ली और आसपास के करीब 1500 लोगों को घर भेजा गया। साथ ही यह भी कहा गया है कि तब्लीगी जमात की तरफ से एसडीएम को अर्जी देकर 17 गाड़ियों के लिए कर्फ्यू पास मांगा, लेकिन पास जारी नहीं हुई। फिर भी प्रधानमंत्री की तरफ जो आदेश आया, मरकज वालों पूरी इमानदारी से कानून का पालन किया। यह भी कहा गया है कि हमने लगातार पुलिस और अधिकारियों को जानकारी दी के हमारे यहां लोग रुके हुए है।