पटना, जेएनएन। CoronaVirus: बिहार में कोरोना वायरस को हराने का सिलसिला चल पड़ा है। बिहार के एकमात्र काेरोना अस्पताल (Corona Hospital) नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (NMCH) के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती पटना (फुलवारीशरीफ) के छात्र और पटना सिटी के युवक के बाद अब पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती पटना (दीघा) की महिला ने भी कोरोना पर विजय पा ली है। सोमवार की देर शाम रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद मंगलवार को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। महिला ने बताया कि उसने खुद को हिम्मत दी तथा जिंदगी का जज्बा बनाए रखा।
चेहरे पर साफ दिखी मौत के साए से निकल घर जाने की खुशी
डॉक्टरों के अनुसार मौत के साए से निकलकर घर जाने की खुशी उनके चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी। महिला ने बताया कि वे बड़ी राहत महसूस कर रही हैं। बहुत खुश है, लेकिन सबसे ज्यादा तो इसकी खुशी है कि अब परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा।
जिंदगी की जंग जीतने के बाद अब लोगों को दी बड़ी नसीहत
महिला ने कहा कि इलाज के दौरान कभी-कभी लगा कि पता नहीं घर लौट पाऊंगी या नहीं। लेकिन खुद को हिम्मत देती थी। अस्पताल में भी सबों का अच्छा सहयोग मिला। इससे जिंदगी की जंग जीत लेने का भरोसा हुआ। लेकिन भगवान न करें कि किसी को ऐसी जंग लड़ने का मौका मिले। उन्होंने लोगोंं से लॉकडाउन (Lockdown) का पूरी तरह पालन करने का आग्रह किया, ताकि संक्रमण पर लगाम लगे और कोई और अस्पताल में उनकी तरह जिंदगी के लिए मौत से जंग लड़ने नहीं आए।
नेपाल में रहकर आई थी महिला, 20 मार्च से चल रहा था इलाज
पटना एम्स में कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉ. नीरज अग्रवाल ने बताया कि गत 20 मार्च को पटना के दीघा की रहने वाली महिला को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया था। 21 मार्च को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। वे आठ दिन नेपाल में रहकर आईं थीं। बेटा इटली से आया था, लेकिन बेटे की रिपोर्ट निगेटिव थी।
तीसरी जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर अस्पताल से मिली छुट्टी
डॉ. नीरज अग्रवाल ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में मेडिसीन समेत एम्स के विभिन्न विभागों के चिकित्सकों ने लक्षणों के आधार पर उपचार किया। महिला में काफी सुधार दिखने लगा। बुखार नहीं आने और सामान्य रूप से खाने-पीने पर उनका नमूना तीसरी बार जांच के लिए भेजा गया। सोमवार शाम को तीसरी जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।