पटना, जेएनएन। बिहार में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को सात नए पॉजिटिव केस मिले। जांच के लिए 2817 संदिग्ध मरीज को सर्विलांस पर लिये गये हैं। 3 लोग ठीक भी हुए। वहीं, देश में लॉकडाउन का जहां सातवां दिन है, वहीं बिहार में लॉकडाउन का नौवां दिन है। लगभग तमाम जिलों में लॉकडाउन को लेकर सड़कों पर सन्नाटा ही रहा। हां, कुछ जिलों में लॉकडाउन को नजरअंदाज करने की भी बात आ रही है। बाहर के लोगों की भी एंट्री हो रही है। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को भी हाईलेवल बैठक की। पढ़ें कोरोना राउंडअप में मंगलवार को दिनभर क्या-कुछ हुआ...।
कोरोना पॉजिटिव के छह नए केस मिले
राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच बड़ी संख्या में लोगों के बाहर से बिहार आने के बाद कोरोना की आशंका वाले और पाजिटिव लोगों की संख्या बढऩे लगी है। सिर्फ मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग ने अलग-अलग जिलों से कुल 2817 लोगों को ऑब्जर्वेशन में लिया है। इनमें सबसे बड़ी संख्या सिवान से हैं। सिवान से कुल 3105 लोग ऑब्जर्वेशन में लिए गए हैं। इनमें चार मामले पाजिटिव पाए गए हैं। राज्य में ऑब्जर्वेशन में लिए गए लोगों की संख्या 5387 हो गई है जो सोमवार को 2570 थी। स्वास्थ विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में कोरोना के पाजिटिव केस की संख्या सात नए मामले मिलने के बाद 22 हो गई है। इसके पूर्व तक कुल 15 पॉजिटिव मामले थे। इनमें मुंगेर के चार, पटना के पांच, नालंदा, सिवान, लखीसराय, बेगूसराय के एक-एक और सहरसा के दो मामले शामिल थे। अब गोपालगंज का एक, गया का एक, बेगूसराय का एक और सिवान के चार मामलों को जोड़ कर राज्य में पाॅजिटिव केस की कुल संख्या 22 हो गई है।
आरएमआरआइ में 1052, आइजीआइएमएस में 33 सैंपल की जांच
स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी कि अलग-अलग मेडिकल कॉलेज अस्पताल से अबतक कुल 1052 सैम्पल जांच के लिए आरएमआरआइ को भेजे गए। जबकि आइजीआइएमएस को 33 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। अकेले सोमवार से मंगलवार को समाचार लिखे जाने तक आरएमआरआइ में 244 सैंपल की जांच हुई। जिसमें एक पाॅजिटिव (गोपालगंज) के अलावा शेष रिपोर्ट निगेटिव आई है। आइजीआइएमएस में कुल 33 सैंपल की जांच हुई, जिसमें सिवान से आए चार सैंपल पाॅजिटिव पाए गए। आरएमआरआइ में 1052 सैंपल में 1033 की रिपोर्ट निगेटिव आई है, जबकि आइजीआइएमएस में 34 में 29 रिपोर्ट निगेटिव आई है।
संक्रमित केस के लिए 886 बेड सुरक्षित
कोरोना के प्रभाव को देखते हुए नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के साथ ही अनुमंडल और जिला अस्पताल में संक्रमित केस के लिए 886 बेड और संदिग्ध के लिए4487 बेड सुरक्षित रखे गए हैं।
जिलावार कोरोना के संदेह में ऑब्जर्वेशन में लिए गए लोग
सिवान - 3105, गोपालगंज - 390, पटना - 108 गया - 135 ,भागलपुर -136, भोजपुर - 81, मुजफ्फरपुर - 173, समस्तीपुर - 105, सारण - 425, नालंदा - 206, पू. चंपारण - 77, प. चंपारण 74, किशनगंज - 25, मधुबनी - 95, रोहतास - 10, दरभंगा - 28, औरंगाबाद- 55, जहानाबाद - 22, कैमूर - 13, सीतामढ़ी - 7, अररिया - 2, सुपौल - 3, मधेपुरा - 9, वैशाली -6, बांका - 4, सहरसा - 20, शिवहर - 7, मुंगेर - 18, लखीसराय - 13, बेगूसराय - 7, नवादा - 43, कटिहार - 3, पूॢणया - 6, बक्सर - 5, अरवल - 1
पीएम राहत कोष में दस-दस हजार देंगे पटना हाइकोर्ट के जज
कोरोना से बचाव की जंग में पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश भी शामिल हो गए हैं। सभी न्यायाधीश प्रधानमंत्री राहत कोष में अपने वेतन से दस-दस हजार रुपये का योगदान देंगे। न्यायाधीशों की ओर से कहा गया है कि संकट की इस घड़ी में गरीब और सामान्य तबके की सहायता जरूरी है। हाईकोर्ट प्रशासन ने बताया कि न्यायाधीशों के वेतन से कटौती करने के बाद राशि पीएम राहत कोष में भेज दी जाएगी।
अप्रवासियों से अवैध वसूली करने वाले बस मालिकों पर एफआइआर
अप्रवासियों से राजधानी के मीठापुर बस स्टैंड में अवैध वसूली मामले में बस मालिक समेत तीन ड्राइवर और तीन खलासी पर एफआइआर दर्ज की गई है। इनकी बसों का परमिट भी रद कर दिया गया है। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि सोमवार को मीठापुर बस स्टैंड में प्रवासियों से बस मालिक और ड्राइवर द्वारा अवैध वसूली किए जाने की शिकायत मिली थी। शिकायत की जांच राज्य परिवहन आयुक्त से कराई गई। सोमवार को कैमूर जिले के मोहनिया से प्रवासी मजदूरों को विभिन्न जगहों पर ले जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा बस उपलब्ध कराई गई थी। बस में भागलपुर, बेगूसराय खगडिय़ा आदि जगहों के यात्री सवार थे। मोहनिया से आने के दौरान मीठापुर में बस लगा दी गई और लोगों से भाड़े की मांग की गई, जिसके बाद यात्री हंगामा करने लगे। यात्रियों की शिकायत पर कार्रवाई की गई।
10 हजार और अप्रवासी बिहारी गांव पहुंचाए गए
अप्रवासी बिहारियों को उनके गांव के विद्यालय तक पहुंचाए जाने का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को दस हजार से अधिक लोगों को उनके गांव के स्कूलों तक पहुंचाया गया। इन्हें वहां चौदह दिनों तक क्वारंटाइन किया जाएगा। वहीं मंगलवार को 120 आपदा राहत केंद्रों में 7729 लोगों को भोजन कराया गया। जबकि राज्य में लागू लॉकडाउन के तहत सरकारी आदेश का उल्लंघन करने पर 68 प्राथमिकी दर्ज की गयी और 1358 वाहनों के विरुद्ध मोटरयान अधिनियम के तहत कार्रवाई की गयी।
दिल्ली में 2.85 लाख लोगों की हुई सहायता
दिल्ली के बिहार भवन में अप्रवासी बिहारियों के लिए बने नियंत्रण कक्ष के हेल्पलाइन नंबर पर मंगलवार को 4,492 बिहारी कामगारों ने फोन किए। फोन कॉल्स के आधार पर अब तक 2.85 लाख लोगों को मदद पहुंचाई गई। मंगलवार की शाम छह बजे तक उपलब्ध सूचना के आधार पर 13,298 लोगों ने गूगलडॉक पर सहायता को ले आवेदन किए। बिहार भवन के स्थानिक आयुक्त ने बताया कि जो सूचनाएं आ रही हैं, उसके आधार पर संबंधित राज्यों के अधिकारियों से बात कर फंसे हुए लोगों की सहायता की जा रही है। नियंत्रण कक्ष तीन पालियों में 24 घंटे काम कर रहा है।
कोरोना-लॉकडाउन को लेकर प्रमुख जिलों पर एक नजर
गया : लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में काम करने वाले प्रवासी लोग अलग-अलग साधनों से अपने घर पहुंच रहे हैं। वाहन न मिलने से कोई पैदल घर की ओर चल पड़ा है तो कोई रिक्शे से, ट्रक से या फिर अन्य वाहनों से। रविवार व सोमवार को नवादा, गया, भभुआ व सासाराम में बाहर से पहुंचने वालों की तादाद अधिक रही, लेकिन मंगलवार को प्रवासी लोग कम दिखे। भभुआ व नवादा में राज्य की सीमा बंद हो जाने से जो सोमवार तक दाखिल हो चुके थे, वही विभिन्न साधनों से आते-जाते रहे। हालांकि गया के बाराचट्टी में मंगलवार को भी करीब दो सौ लोगों ने झारखंड सीमा से प्रवेश किया। इनकी वहीं पर जांच कराई गई। कुछ को क्वारंटाइन किया गया है तो ज्यादातर को जाने दिया गया। इनमें अधिकांश गया के ही हैं। गया में मंगलवार को कम संख्या में लोग बाहर से आए। जो आए उनकी जांच करा आवश्यकता के अनुसार क्वारंटाइन किया गया। अधिकांश लोगों को होम क्वारंटाइन की हिदायत दे रवाना कर दिया गया। विभागीय पोर्टल के अनुसार अब तक 8478 लोग अलग-अलग इलाकों में लौटे हैं। इनमें 7318 लोगों को होम क्वारंटाइन किया गया है। जिले में संचालित 239 क्वारंटाइन सेंटरों में 558 लोगों को क्वारंटाइन पर रखा गया है। वहीं मंगलवार को बाराचट्टी सीमा से करीब दो सौ लोग दाखिल हुए हैं।
भभुआ: जिले में बिहार-उत्तर प्रदेश की सीमा पर कर्मनाशा से आने वाले प्रवासी लोगों की संख्या नहीं के बराबर रही। कुछ लोग पैदल आते-जाते दिखे। सीमा पर प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने उनकी जांच कराकर उन्हें उनके गृह जिला भिजवा दिया है।
नवादा : जिले के रजौली में झारखंड सीमा के चेकपोस्ट पर सोमवार तक करीब 3300 और गोङ्क्षवदपुर चेकपोस्ट से 30 लोग पहुंचे थे। मंगलवार को चेकपोस्ट से प्रवेश निषिद्ध रहा। बाहर से आने वालों में 1400 लोगों को विशेष वाहनों से उनके गांव भेजा गया। जबकि शेष को नवादा का माना गया है। जो भी लोग गांवों तक पहुंचे हैं, उनकी खोज-खबर ली जा रही है। हालांकि चेकपोस्ट के रास्ते प्रवेश करने वालों की थर्मल स्कैङ्क्षनग कराई गई थी।
सासाराम: जिले में बाहर से आए करीब 3100 लोगों को खुर्माबाद स्थित जिले की सीमा पर जांच करा उन्हें क्वारंटाइन के लिए क्वारंटाइन सेंटर में भेजा गया है। दिल्ली के निजामुद्दीन की घटना के बाद जिला प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क है। जलसे से लौटने वालों की तलाश में अधिकारी जुट गए हैं। जबकि बीते तीन दिनों में दिल्ली व यूपी से आए प्रवासियों को डीएवी स्कूल अदमापुर व एसपी जैन कॉलेज के क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। सोमवार रात मुफस्सिल थाने की पुलिस ने अमरा तालाब से एक युवक को पकड़ा। उसे डीएवी केंद्र में पहुंचाया गया। युवक भुसावल से पैदल ही गुवाहाटी जा रहा था। एसपी जैन कॉलेज के सेंटर में 13 लोगों को भेजा गया, ये दरभंगा जा रहे थे।
औरंगाबाद: में मंगलवार को बाहर से आने वाले प्रवासियों की संख्या काफी कम रही। जिले में किसी राज्य की सीमा न होने के कारण भभुआ व सासाराम की ओर से चले इक्का-दुक्का लोग ही आते-जाते दिखे। सड़कों पर तैनात अधिकारियों ने इनसे पूछताछ कर जांच कराने के बाद ही जाने की अनुमति दी।
मुजफ्फरपुर : लॉकडाउन के बाद विभिन्न प्रदेशों से उत्तर बिहार में आने वालों का सिलसिला जारी है। मंगलवार को 3930 लोग पहुंचे। इन्हें जांच के बाद ठहराव केंद्रों में 14 दिनों के लिए भेजा गया है। कई लोगों की शाम तक जांच जारी थी। इनमें कोई पैदल तो कई ट्रकों के सहारे भाड़ा देकर पहुंचे हैं। रास्ते में इन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ी। कई स्थानों पर पुलिस ने रोककर पूछताछ की। इसके बाद आगे बढऩे दिया गया। सोमवार को 3596 लोग पहुंचे थे। हरियाणा. पंजाब और मुंबई से 215 लोग पहुंचे। इनकी एसकेएमसीएच में स्क्रीनिंग जारी थी।
पश्चिम चंपारण : बगहा में 250 लोग पैदल व ट्रकों से आए। जांच के बाद स्कूलों के ठहराव केंद्रों में भेजा गया। वहीं, बेतिया जिला मुख्यालय में 547 लोग पहुंचे। इनमें 22 के सैंपल लिए गए। सभी को जांच के बाद पंचायतों में शिफ्ट किया गया।
पूर्वी चंपारण : 25 लोग विभिन्न साधनों से पहुंचे। इन्हें जांच के बाद घरों में भेज दिया। साथ ही सतर्कता के निर्देश दिए गए।
मधुबनी : जिले में बाहर से 800 लोग पहुंचे। स्क्रीनिंग के बाद घरों और स्कूलों में क्वारंटाइन किया गया। कुछ सेंटरों की स्थिति ठीक नहीं है। कुछ केंद्रों की व्यवस्था ठीक नहीं दिखी।
समस्तीपुर : जिले में बाहर से 70 लोग पहुंचे। इन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। दो-तीन प्रखंडों को छोड़ सभी जगहों पर व्यवस्था संतोषजनक है। पीएचसी में थर्मल स्क्रीङ्क्षनग कराई गई। पश्चिम बंगाल और नोएडा से ट्रक से पहुंंचे लोगों को दो से तीन हजार प्रति व्यक्ति भुगतान करना पड़ा। रास्ते में खाने-पीने की खास सुविधा नहीं मिली।
सीतामढ़ी : जिले में 1573 लोग विभिन्न राज्यों से पहुंचे। इनमें 17 नेपाली नागरिक भी हैं। ये लखनऊ और दिल्ली से घर जा रहे थे। सभी को जांच के लिए रोका गया है। आने के दौरान इन्हें काफी परेशानी हुई।
शिवहर : 121 लोग पहुंचे। इनमें पांच को क्वारंटाइन किया गया। जबकि, शेष को ठहराव केंद्रों पर 14 दिनों तक रहने को कहा गया।
दरभंगा : दिल्ली समेत अन्य स्थानों से 329 लोग पहुंचे। इन्हें जांच के बाद क्वारंटाइन सेंटरों में भेजा गया। दिल्ली से आनेवाले लोगों ने बताया कि पैदल कई किमी आना पड़ा। इसके बाद भाड़े के ट्रक से पहुंचे।