मां दुर्गा के सातवें स्वरूप या शक्ति को कालरात्रि कहा जाता है, दुर्गा-पूजा के सातवें दिन मां काल रात्रि की उपासना का विधान है।
सप्तमी की पूजा सुबह में अन्य दिनों की तरह ही होती पर मां दुर्गा के सातवें स्वरूप या शक्ति को कालरात्रि कहा जाता है।
दुर्गा-पूजा के सातवें दिन मां काल रात्रि की उपासना का विधान है सप्तमी की पूजा सुबह में अन्य दिनों की तरह ही होती परंतु रात्रि में विशेष विधान के साथ देवी की पूजा की जाती है।
दीपक धूप जलाकर लाल फूल, बेसन के लड्डू, केले, लाल चुन्नी चढ़ाएं मां को गुड़ से बने पकवान चढ़ाएं,पीला झंडा मां को अर्पित कर अपनी छत पर फहरा दें।
भोग करने के बाद दान करे और एक थाली ब्राह्मण के लिए भी निकाल कर रखनी चाहिए ,कालरात्रि माता को चांदी की त्रिशूल चढ़ाकर पास रखें दुश्मन कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे।