पूरे देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। वही केंद्र सरकार और राज्य सरकार कोरोना से निपटने के लिए कदम से कदम मिलाकर काम कर रही है। तो वही दूसरी तरफ शिवसेना ने कोविड-19 पर बयान को लेकर महाराष्ट्र भाजपा के प्रवक्ता अवधूत वाघ के खिलाफ मंगलवार को कार्रवाई की मांग की।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में कहा कि ऐसी टिप्पणियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की न सिर्फ छवि खराब करती हैं बल्कि ज्योतिबा फूले, साहू महाराज और बी आर आंबेडकर जैसे समाज सुधारकों एवं प्रगतिशील नेताओं की विरासत को आहत करती हैं।
पार्टी ने कहा, "अवधूत वाघ ने जो कहा वह अंधविश्वास विरोधी कानूनों के तहत कार्रवाई करने के लिए एकदम उचित है।" संपादकीय में कहा गया, "जब लोग बंद का उल्लंघन करते हुए बाहर आ जाते हैं, तो यह मोदी या महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की गलती नहीं है। जिन लोगों ने अपनी यात्रा के विवरण छिपाए और पृथक रहने संबंधी नियमों का उल्लंघन किया वही राज्य में यह संकट लेकर आए हैं।"
विजय माल्या कर्ज का 100 प्रतिशत भुगतान करने को तैयार, वित्त मंत्री से मदद की जताई उम्मीद
एक अजीब बयान में वाघ ने रविवार को कहा था कि राकांपा नेता एवं राज्य जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल को मोदी की आलोचना करने के लिए "सजा" मिली। पाटिल पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली जिले से हैं जहां इस्लामपुर तहसील के एक परिवार के 25 सदस्यों में कोविड-19 की पुष्टि हुई थी।
इस्लामपुर पाटिल का विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र है। पाटिल ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा था कि 24 मार्च को रात आठ बजे बंद की घोषणा करने के बजाय प्रधानमंत्री को प्रवासी मजदूरों को पर्याप्त समय देना चाहिए था ताकि वह बंद के प्रभाव का सामना करने के लिए आवश्यक प्रबंध कर सकें।
वाघ की टिप्पणी पाटिल के बयान के खंडन में आया थी। भाजपा नेता की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए शिवसेना ने कहा, "राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मोदी के बड़े प्रशंसक हैं और इसके बावजूद कोरोना वायरस ने अमेरिका में कोहराम मचा रखा है। न्यूयॉर्क जैसा शहर चुप हो गया है। क्या कोई स्पष्ट कर सकता है कि इस्लामपुर और न्यूयॉर्क को किसने सजा दी?" पार्टी ने कहा जब वायरस अपना शिकंजा कसता जा रहा है तब भाजपा के प्रवक्ता जो चाहे कह रहे हैं।