Covid-19 प्रश्‍नोत्तरी : क्या ज्यादा नमक खाने से इम्यूनिटी घटती है ?

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। लोगों के मन में रोज नए-नए सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें और गलत जानकारियां भी प्रकाशित हो रही हैं। इन अफवाहों और भ्रांतियों को दूर करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने प्रयास तेज किया है। डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर उपलब्ध और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी जा रही कोरोना से जुड़ी जानकारियों को आप तक पहुंचाने के लिए ‘हिन्दुस्तान' ने प्रश्नोत्तरी की शुरुआत की है। साथ ही हमारा प्रयास होगा, आपके हर सवाल का विशेषज्ञों से जवाब हासिल कर आप तक पहुंचाना।

कहा जा रहा है कि अमेरिका कोरोना वायरस की दवा बनाने पर काम कर रहा है। ऐसी किसी दवा का फोकस एरिया क्या होगा और इसे आने में कितना समय लग सकता है? द गार्जियन, नेचर रिसर्च के अध्ययन के मुताबिक, अमेरिका में जिस टीके का परीक्षण चल रहा है, उसका खास मकसद है, इनसान के शरीर को इस बात के लिए तैयार करना कि वह उस स्पाइक प्रोटीन को पहचाने और रोके, जिसकी बदौलत वायरस इनसानी शरीर में प्रवेश करता है। हालांकि डॉक्टर ऐसी दवा बनाना चाहते हैं, जो इस वायरस से जुड़े अन्य किसी भी किस्म के प्रोटीन को पहचाने और उसे रोके। इनसानी शरीर इस काबिल बने कि वह संक्रमित कोशिकाओं को खत्म कर सके। किसी टीके को तैयार करने में काफी समय लगता है। टीके के दीर्घकालिक प्रभावों का भी अध्ययन जरूरी है। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन के प्रो. विंडर स्मिथ के अनुसार, किसी भी अन्य टीके की तरह, न्यूनतम 18 माह का समय लग सकता है।
क्या कोरोना वायरस सिर्फ बुजुर्गों को संक्रमित करता है? हर उम्र के लोग नए कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। अधिक उम्र के लोगों का प्रतिशत कुछ अधिक है। चीन में इस वायरस से संक्रमित 72,000 लोगों पर हुई स्टडी से यह जानकारी मिली है। हाल ही में वायरस से 44,700 मामलों में से 80 फीसदी से ज्यादा 60 साल की उम्र के लोगों से जुड़े थे। आधे मामले 70 साल से ज्यादा उम्र के लोगों से जुड़े थे। जिन लोगों में ये बीमारियां विकसित होती हैं, उनमें ज्यादातर बुजुर्ग हैं। वे पहले से कई दवाएं ले रहे थे। इन दवाओं को छोड़ने से संक्रमण उन पर हावी हो सकता है, जिसके कारण इन रोगियों को संक्रमण का खतरा अधिक होता है। अध्ययन में हाई ब्लडप्रेशर, कोरोनरी धमनी रोग, डायबिटीज और क्रॉनिक रीनल डिजीज के मरीजों में अधिक गंभीर परिणाम देखे गए।
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क्या कोरोना से बचने के लिए हम हंसना भी बंद कर दें? जी नहीं, हंसना हमेशा सेहत के लिए अच्छा माना गया है, लेकिन कोरोना जैसी महामारी में दूसरों से दूरी बना कर रखने में ही भलाई है। यह वायरस आपके शरीर में तभी पहुंच सकता है, जब यह आपके आंख, नाक या मुंह में पहुंचे। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के संक्रमण की प्रमुख वजह खांसना या छींकना ही है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने मिलकर बताया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के जोर से हंसने से भी वायरस के फैलने का खतरा हो सकता है। दरअसल, हंसने के दौरान वायरस ड्रॉपलेट के माध्यम से बाहर निकलता है, जिससे आसपास मौजूद लोग इसकी चपेट में आ जाएं, तो उनके भी संक्रमित होने का खतरा हो सकता है।
क्या बारिश होने के बाद ठंड से कोरोना का प्रकोप बढ़ेगा? मौसम एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, पश्चिमी पंजाब सहित उत्तर में कई जगह बारिश हुई है। बारिश को देखते हुए आशंका यह जताई गई कि इससे कोरोना वायरस का खतरा बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस ड्रॉपलेट से फैलता है। छींकने या खांसने से संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट हवा में बिखर जाते हैं। बारिश होने पर तापमान गिरता है और हवा में नमी बनी रहती है। ऐसे में ये जानलेवा वायरस हवा में ज्यादा देर जिंदा रहता है और इसके प्रसार की आशंका बढ़ जाती है। अमूमन ऐसा देखा जाता है कि ठंड बढ़ने पर हमें सर्दी-जुकाम की शिकायत होती है। फिर इन्फेक्शन बढ़ने से बुखार भी हो जाता है। ठंड में इस वायरस के बढ़ने की आशंका इसलिए बढ़ जाती है, क्योंकि लोग घरों में कैद होते हैं, बाहर निकलने से खुद को बचाते हैं। जब ज्यादा लोग एक-दूसरे के आसपास बने रहेंगे तो इन्फेक्शन तेजी से बढ़ने की आशंका होती है। कोरोना के साथ भी ऐसा हो सकता है।
क्या कोरोना से बचाव के एप भी हैं? हां, प्ले स्टोर में जानकारी के लिए आप कोरोना संबंधित एप डाउनलोड कर सकते हैं। इनमें सबसे विश्वसनीय ‘कोरोना कवच एप' है, जो सरकार द्वारा तैयार किया है। इससे आप जान सकेंगे कि आपके आसपास कोई कोविड-19 पॉजिटिव मरीज तो नहीं। सवाल यह उठता है कि यह कैसे पता चलता है? दरअसल संक्रमित रोगी की उपस्थिति का पता लगाने के लिए जीपीएस सेवाओं का उपयोग किया जाता है। इतना ही नहीं, यह एप आपको नियमित रूप से अलर्ट भी भेजता है। इस एप पर संक्रमित रोगियों का भौगोलिक डेटा उपलब्ध होता है, जिससे कोरोना पॉजिटिव रोगियों की पहचान हो जाती है।
क्या नमक अधिक खाने से इम्यूनिटी कम होती है? इन दिनों हर जगह आप सुन और पढ़ रहे होंगे कि इम्यूनिटी को जितना बढ़ाएंगे, कोरोना का खतरा उतना कम होगा। जर्मनी में एक अध्ययन में पाया गया है कि अगर व्यक्ति अपने खाने में नमक की मात्रा अधिक रखता है, तो न सिर्फ उसका ब्लडप्रेशर अधिक रहेगा, बल्कि उसकी इम्यूनिटी पर भी बुरा असर पड़ेगा। जर्मनी में यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल बॉन के रिसर्चर ने बताया कि जिस भोजन में अधिक नमक होगा, उसमें गंभीर जीवाणु संक्रमण अधिक होने की आशंका है। एक दिन में छह ग्राम नमक भी आपकी प्रतिरक्षा को नष्ट कर सकता है। साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित स्टडी बताती है कि अगर आप एक दिन में छह ग्राम से ज्यादा नमक ले रहे हैं, तो यह तय है कि आपकी इम्यूनिटी लगातार गिर रही है। डब्ल्यूएचओ का भी मानना है कि एक दिन में सिर्फ पांच ग्राम तक ही नमक लेना चाहिए।
हम कोरोना वायरस से लड़ने में सरकार की मदद कैसे कर सकते हैं? देश के प्रधानमंत्री सहित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री हम सबसे बार-बार आग्रह कर रहे हैं कि आप जहां हैं, कुछ दिन वहीं रहें। जो लोग सक्षम हैं, उन्हें शायद खाने-पीने के सामान की उतनी दिक्कत नहीं है, मगर जो लोग दिहाड़ी मजदूर या रिक्शे वाले आदि हैं, वे बहुत मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। सरकार हरसंभव कोशिश में जुटी है कि न सिर्फ आप और हम स्वस्थ रहें, बल्कि कोई भी भूखा न सोए। ऐसे में आप प्रधानमंत्री राहत कोष में दान दे सकते हैं, या अपने राज्य के मुख्यमंत्री के राहत कोष में सहयोग कर सकते हैं। अगर कहीं कोई भूखा दिखे तो सोशल डिस्टेंस रखते हुए उस तक अपने स्तर पर खाना पहुंचाने का प्रयास करें। ऐसा न हो कि मदद की जगह प्रशासन के लिए मुसीबत खड़ी कर दें। जरूरी सामान के लिए अफरातफरी न मचाएं। जब तक दुकान से एक आदमी सामान लेकर न हटे,उचित दूरी पर खड़े रहें। ऐसे छोटे-छोटे कदमों से आप सरकार की मदद कर सकते हैं, साथ ही खुद को और अपनों को इस महामारी से बचाने में योगदान दे सकते हैं।
क्या मंत्रजाप से कोरोना को दूर करने में सफल हो सकूंगा? मन की घबराहट को दूर करने के लिए आप कुछ भी उपाय करें, मगर कोरोना से बचने का एक ही मंत्र है। वह यह कि सावधानी बरती जाए। अच्छी तरह साफ-सफाई रखी जाए। घर में रह कर खाना खाते, टीवी देखते हुए भी परिवार के सदस्यों से थोड़ी दूरी बरकरार रखें। एक-दूसरे की वस्तुएं शेयर न करें। इन दिनों मौसमी सर्दी-जुकाम से भी खुद को बचाए रखना जरूरी है।
क्या धूम्रपान / तम्बाकू से कोरोना वायरस हो सकता है? हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि अगर आप धूम्रपान/तम्बाकू का सेवन करते हैं तो आपको कोविड-19 का खतरा उन लोगों से अधिक है, जो इसका सेवन नहीं करते। धूम्रपान/तंबाकू के सेवन के लिए अपने हाथों को मुंह तक लाना शरीर में वायरस को स्थानांतरित कर सकता है। तंबाकू श्वसन तंत्र को भी कमजोर बनाता है, जिससे आप कोरोना वायरस की चपेट में आ जाते हैं। आप कोई सिगरेट का पैकेट या तंबाकू का पाउच लेते हैं तो जाने-अनजाने सैकड़ों लोगों के संपर्क में लगातार आते रहते हैं। अगर कोई कोरोना पॉजिटिव दुकानदार के संपर्क में आया तो कल्पना कीजिए कि चेन कितनी बड़ी हो सकती है।
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