घरों में श्रद्धा से हुई मां कात्यायनी की पूजा अर्चना

गोपालगंज : कोरोना को लेकर पूरे जिले में लॉकडाउन लागू होने के बाद लोग अब घरों में ही मां दुर्गा की पूजा अर्चना में लग गए हैं। तड़के चार बजे से ही घरों में मां दुर्गा की पूजा अर्चना के बीच घंटी व आरती की ध्वनि सुनाई देने लगती है। चैत नवरात्र के पांचवें दिन सोमवार को मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा अर्चना हुई। इस बीच लोगों ने दुर्गा सप्तशती का पाठ किया।

आचार्य पंडित किशोर उपाध्याय ने मां दुर्गा के छठे स्वरूप कात्यायनी बारे में जानकारी देते हुए बताया कि महर्षि कात्यायन ने मां भगवती को अपनी पुत्री के रूप में पाने के लिए उनकी कठोर तपस्या की थी। कात्यायन की पुत्री होने के कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ा। मां के दिव्य स्वरूप का ध्यान हमें अपने कर्मो द्वारा अज्ञान के तमस, असंतोष, जड़ता आदि दुर्गुणों से खुद को उबार लेने की प्रेरणा देता है। मान्यता है कि ब्रज की गोपियों ने श्रीकृष्ण को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए मां के इसी रूप की पूजा की थी। यही कारण है कि उन्हें ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी भी माना जाता है। उन्होंने बताया कि मां का यह स्वरूप अत्यंत दिव्य व स्वर्ण के समान दैदीप्यमान है। इनका वाहन सिंह है। मां के इस दिव्य स्वरूप का ध्यान हमारी जीवनी शक्ति को समृद्ध करता है। एक ओर जहां धर्म के जानकार घरों पर कलश स्थापना कर विधि विधान से पूजा पाठ कर रहे हैं, वहीं अन्य लोग भी साधारण विधि से पूरी तन्यमता के साथ मां की आराधना में जुटे हैं। सुबह-शाम मां की सामूहिक आरती आकर्षण बनी है। मां के जयकारे से घर आंगन गुजायमान हो रहा है। बच्चे, किशोर, नौजवान व बुजुर्ग एक साथ पूजा में शामिल हो रहे हैं और मां की भक्ति में डूबे हैं। हालांकि मंदिरों में नहीं जाने का भक्तों को मलाल है। बाबजूद उनका मानना है कि पूजा कहीं भी की जाए फल तो सुखद होता है। इस बीच लोगों के घरों में सुबह व शाम के समय मां की आरती का कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। जिसमें घर के बड़े बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक पूरे उत्साह व श्रद्धा के साथ शामिल हो रहे हैं।
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Posted By: Jagran
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