जहानाबाद : शहर से लेकर गांव तक लॉकडाउन का खास असर नहीं दिख रहा था। इधर जिला परिवहन पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार ने उन प्रवासियों को बस द्वारा घर भेजा जो लोग बाहर से पैदल आ रहे थे। जब प्रशासन के लोग डंडे के साथ सड़क पर उतरते थे तभी लोग अपने घरों में दूबकते थे। पहले प्रशासन द्वारा सुबह से लेकर आठ बजे तक जरूरी सामानों की खरीददारी के लिए छूट दी गई थी जबकि शाम में भी दो घंटे का समय दिया गया था। दो दिनों बाद समय में परिवर्तन किया गया और सुबह से लेकर 10 बजे तक सामानों की खरीददारी का समय निर्धारित किया गया। शहर के लोगों को शाम में अपने घरों से नहीं निकलने की हिदायत दी गई। हालांकि लोक आस्था के महापर्व छठव्रत को देखते हुए लोगों को सुबह से लेकर 12 बजे दिन तक सामानों की खरीददारी किए जाने के लिए समय निर्धारित किया गया। दो दिन पहले तक सामानों की खरीददारी के लिए लोगों की इस कदर भीड़ लग रही थी कि मानो उनलोगों को संक्रमण का कोई भय नहीं था। चाहे किराना दुकान हो या सब्जी मंडी सभी जगहों पर त्योहार जैसा माहौल कायम था। इतना तक कि दवा की दुकान पर भी रेलवे काउंटर की तरह भीड़ लगी रही। जैसे जैसे समय बीता लोग जागरूक होते गए। उनलोगों को यह लगा कि यदि घर से निकलेंगे तो हमलोगों को भी संक्रमण का भय बना रहेगा। यह सोचकर अब धीरे-धीरे लोग अपने घरों से निकलना बंद करने लगे। सोमवार को छठव्रत के अवसर पर दो घंटे से अधिक समय दिए गए थे लेकिन लोगों की भीड़ वैसी नहीं थी जो दो दिन पहले तक देखी जा रही थी।
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Posted By: Jagran
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