मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एईएस का लक्षण दिखते ही समय पर बच्चे को अस्पताल लेकर पहुंचे। इसमें किसी तरह की कोताही नहीं बरते। अगर आप समय से बच्चे को अस्पताल लेकर पहुंच जाएंगे तो उसकी जान बच जाएगी। उक्त बातें प्रेस वार्ता में जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि सभी पीएचसी में एईएस वार्ड बनाया गया है। ग्रामीण इलाके के बच्चे की तबीयत बिगड़ते ही समय के अंदर पीएचसी पर पहुंचे।
वहां पर डॉक्टरों के साथ पूरी दवाई उपलब्ध करा दी गई है। निजी क्लीनिक व ग्रामीण डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है। एईएस को लेकर सारी सुविधाएं पीएचसी में बहाल कर दी गई है। वाहन किराया के बारे में भी सोचने की जरूरत नहीं है। सरकार की तरफ से एईएस बच्चे के इलाज के लिए वाहन किराया के मद में चार सौ रुपये भी दिए जाएंगे। डीएम ने कहा कि शनिवार को एसकेएमसीएच का निरीक्षण किया था। वहां पर एईएस पीड़ित एक बच्चा भर्ती है। उसकी हालत में सुधार है।
बच्चे को रात में भूखा न सोने दें
डीएम ने कहा कि सभी अभिभावकों से अपील है कि वे बच्चे को रात में भूखे नहीं सोने दें। बच्चे को रात में भर पेट खाना खिलाकर ही सुलाएं। कटे गिरे हुए फल बच्चे को नहीं खाने दें। रात में सोने के बाद सुबह में बच्चे के शरीर में ग्लुकोज की मात्र कम जाती है। इसके वजह से तबीयत खराब होने लगती है। इसलिए इन सभी बातों को ध्यान रखने की जरूरत है।