मधेपुरा। कोरोना वायरस को लेकर जारी लॉकडाउन की स्थिति में महानगर से आए लोगों की पहचान के लिए पंचायत प्रतिनिधियों की एक कमेटी प्रत्येक पंचायत में बनाई गई है। यह कमेटी बाहर से आने वालों की निगरानी करेगी। कमेटी में पंचायत के मुखिया अध्यक्ष बनाए गए हैं। इसके साथ अन्य प्रतिनिधियों की जवाबदेही तय की गई है। प्रशासनिक स्तर पर इसको लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिया गया है। प्रशासन ने पंचायत प्रतिनिधियों और राजनैतिक दल के नेताओं से सहयोग करने को कहा है। एसडीएम एसजेड हसन ने बाहर से आने वालों के निगरानी के लिए पंचायत स्तर पर कमेटी बनाई गई है। कमेटी में पंचायत के मुखिया अध्यक्ष होंगे।
कोरोना बचाव दल करेगी निगरानी
एसडीएम एसजेड हसन ने बताया कि बाहर से आने वालों की वजह से कोरोना संक्रमण के फैलने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में सचिव पंचायत राज विभाग भारत सरकार के दिनांक 27 मार्च के निर्देश पत्र का जिक्र करते हुए कमेटी बनाई गई हैै। जिसमें त्रिस्तरीय पंचायत समिति के जनप्रतिनिधि एवं अन्य व्यक्तियों को इस संक्रमण से लोगों को बचाने हेतु सहयोग की अपेक्षा की गई है। इस लिए पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों को दूसरे राज्यों से आए हुए मजदूर वर्ग के व्यक्तियों को चिन्हित कर उसे पंचायत स्तर पर चिह्नित कर क्वारंटाइन भवन में रखने हेतु कोरोना बचाव दल गठित किया गया है।
करोना बचाव दल के मुखिया होंगे अध्यक्ष
महानगरों से आए लोगों की निगरानी को लेकर गठित किए गए करोना बचाव दल के अध्यक्ष की जिम्मेदारी मुखिया को दी गई है। जबकि पंचायत सचिव, जनसेवक, पंचायत रोजगार सेवक में से कोई एक व्यक्ति सदस्य होंगे। जिसे प्रखंड विकास पदाधिकारी स्तर से पंजी तैयार करने हेतु काम करेंगे। सरपंच ,पंचायत समिति सदस्य, सभी वार्ड सदस्य,गांव स्तर पर पंजी तैयार करने हेतु वार्ड सचिव, सभी राजनीतिक दल के पंचायत अध्यक्ष, सभी गणमान्य व्यक्ति सदस्य होंगे।
बाहर से आए लोगों की सूची होगी तैयार
कोरोना बचाव दल का यह दायित्व होगा कि वे दूसरे राज्य से आए हुए मजदूर वर्ग के व्यक्तियों को गांव, पंचायत स्तर पर विद्यालय,पंचायत भवन में जो प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा चिह्नित है। उसमें ठहराना सुनिश्चित करेंगे। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी उक्त भवन में अपने स्तर से एक कर्मी की प्रतिनियुक्त करेंगे। साथ ही विद्यालय,पंचायत भवन में ठहराए गए व्यक्तियों से संबंधित सूची संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, थानाध्यक्ष, अंचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं एसडीएम को वाट्सएप के माध्यम से उपलब्ध कराएंगे। ताकि उक्त सभी व्यक्तियों की जांच चिकित्सकीय मोबाइल टीम द्वारा किया जा सके। प्रारंभिक जांच के बाद एवं चिकित्सकीय सलाह के बाद ही उसे घर भेजा जाएगा।
----------