पटना, जेएनएन। CoronaVirusLockdown Bihar: जदयू (JDU) के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने ट्वीट के जरिये एक वीडियो शेयर किया है, ये वीडियो देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हुए लॉकडाउन के बाद बिहार से बाहर रह रहे लोगों के बिहार वापस आने का है। इस वीडियो में दिख रहा है कि बिहार के दर्जनों लोग एक गेट के अंदर बंद हैं और खुद को बाहर निकालने की गुहार लगा रहे हैं।
वीडियो को शेयर करते हुए अपने ट्वीट में प्रशांत किशोर ने लिखा है कि Corona संक्रमण से लोगों को बचाने के सरकारी प्रयासों की एक और भयावह तस्वीर- भारी तकलीफ़ और मुसीबतों को झेलकर देश के कई हिस्सों से बिहार पहुँचने वाले गरीब लोगों के लिए नीतीश कुमार की SocialDistancing और Quarantine की ये व्यवस्था दिल दहलाने वाली है।
प्रशांत किशोर के इस ट्वीट पर जदयू नेताओं ने आपत्ति जाहिर की है और आरोप लगाया है कि प्रशांत किशोर खुद को बिहारी कहते हैं और अभी इस संकट की घड़ी में भी बिहार आकर यहां के लोगों को देखना तो दूर, किसी की सुध तक नहीं ले रहे। वो बताएं कि बिहार के लोगों के लिए क्या कर रहे हैं। आज बिहार सरकार खुद के बूते बिहार के बाहर से आए लोगों की स्वास्थ्य की चिंता कर रही है और हरसंभव उनकी मदद करने को तत्पर है तो उसपर एेसे इल्जाम लगा रहे हैं ।
जदयू नेताओं ने कहा कि अभी राजनीति करने का नहीं बल्कि बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सानिध्य में हमारा सबसे पहला काम हर एक बिहारी की जान बचाना है। इस मुश्किल घड़ी में दूर बैठकर राजनीति करना आसान है, यहां आकर वास्तविकता को देखना और उसे बिना समझे ट्वीट करना आसान है।
प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में ये कहा है और साथ ही एक वीडियो भी शेयर किया है...
.#Corona संक्रमण से लोगों को बचाने के सरकारी प्रयासों की एक और भयावह तस्वीर -
भारी तकलीफ़ और मुसीबतों को झेलकर देश के कई हिस्सों से बिहार पहुँचने वाले गरीब लोगों के लिए #NitishKumar की #SocialDistancing और #Quarantine की ये व्यवस्था दिल दहलाने वाली है।#NitishMustQuit pic.twitter.com/ot3hygGRk7
उनके इस ट्वीटर पर जदयू नेता निखिल मंडल ने प्रशांत किशोर को इसका करारा जवाब दिया है और ट्वीट में लिखा है कि देख लीजिए प्रशांत किशोर जी सिर्फ प्रॉब्लम को ट्वीट करना और उसके उपाय जो हुए उसको छिपा लेना ये घटिया राजनीति कहलाती है। ये बस आपके बक्सर से ही गई है, देख लीजिए...
देख लीजिए @PrashantKishor जी,
सिर्फ प्रॉब्लम को ट्वीट करना और उसके उपाय जो हुए उसको छिपा लेना ये घटिया राजनीत कहलाती है.ये बस आपके बक्सर ही गयी है देख लीजिए!
आप सिर्फ #NitishMustQuit को ट्रोल करा सकते है अपने भाड़े के लोगों से पर @NitishKumar जी को बिहार के दिल से नही निकाल सकते! pic.twitter.com/Ty6eIqRP6G
निखिल मंडल ने तंज कसा है और कहा है कि अचानक इतने लोगों के आ जाने से थोड़ी परेशानी तो हुई, लेकिन अब सब कुछ संभल गया है।
आपने ही ऐसा करने को @ArvindKejriwal जी को सलाह दी थी न पर आप शायद ये भूल गए हम बिहारी हार मानने वाले नही है.
हम तैयार है बॉर्डर पर जांच केंद्र से लेकर घर तक बस से पहुंचाने को.
हाँ अचानक इतने लोगों को आने से थोड़ा अफरा तफरी मची पर @NitishKumar जी के नेतृत्व में सब संभल गया है..!! https://t.co/BerA33jmaJ" rel="nofollow
उन्होंने अपने ट्वीट से प्रशांत किशोर को जवाब दिया है और कुछ तस्वीरें जारी कर बाहर से आने वाले लोगों के लिए जो व्यवस्था की गई है उसको दिखाया है...
बाहर से आने वालो के लिए बिहार के बॉर्डर इलाके में ही रहने खाने की व्यवस्था की गयी है।
यहाँ डॉक्टर की देखभाल में रखा गया है..!!#CoronaUpdate #COVID2019india pic.twitter.com/QTAmHHbrxh
बाहर से लौट रहे बिहारियों के लिए सरकार द्वारा बसों की व्यवस्था की गई है, जिस पर बैठा कर उन्हें उनके गांव तक छोड़ा जाएगा। साथ ही उनके लिए विभिन्न जिलों में रहने और खाने की व्यवस्था भी की गई है।
कोरोना से बचाव के लिए उन्हें 14 दिन के लिए क्वारांटाइन में रखा जाएगा।#Help4CoronaBihar pic.twitter.com/Cj1gurTKF2
बता दें कि शनिवार की देर रात से ही बिहार से बाहर के प्रदेशों में रह रहे लोगों के बिहार लौटने का सिलसिला लगातार जारी है और लोग काफी संख्या में बिहार पहुंच रहे हैं। बाहर से आ रहे लोगों से कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने की आशंका को देखते हुए बिहार सरकार ने बाहर से आने वाले लोगों को पहले तो नहीं घुसने देने का आदेश दिया। बॉर्डर एरिया में ही इनके रहने, खाने-पीने औैर चिकित्सा की सुविधा के साथ आपदा राहत शिविर बनाए गए, जहां कई लोग रह रहे हैं।
इतनी संख्या में अचानक पहुंचे लोगों की जांच की व्यवस्था की गई है जिसके बाद उन्हें उनके गांव स्थित स्कूलों में 14 दिन रखने की बात कही गई है। लोगों की भीड़ काफी संख्या में पहुंच रही है और इसी दौरान सिवान जिले के यूपी बॉर्डर एरिया में लोगों को क्वारेंटाइन करने के लिए रोका गया था, जिसके बाद लोगों ने काफी हंगामा किया था। लोगों का कहना था किहमें कोई बीमारी नहीं तो हमें क्यों रोक रखा है।
बता दें कि लॉकडाउन के बाद यूपी सरकार ने विशेष बस से लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की सेवा बहाल की थी। जिसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकडाउन तोड़ने और कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने की आशंका जताई थी और इस कदम को गलत ठहराया था। नीतीश कुमार ने ये भी अपील की थी कि जो जहां हैं वहीं रहें, सबके खाने और रहने की पूरी व्यवस्था बिहार सरकार करेगी। इसके बावजूद लोग काफी संख्या में बिहार पहुंच रहे हैं।
अब इतनी संख्या में बिहार पहुंचे लोगों के बॉर्डर एरिया में ही बने आपदा राहत केंद्र में रहने-खाने और चिकित्सा की व्यवस्था बिहार सरकार ने की है। सबकी जांच भी की जा रही है और हरसंभव उन्हें मदद पहुंचाने की कोशिश जारी है।