मृत्युंजय मानी, पटना। राजधानी में लॉकडाउन के बाद बिजली की मांग घट गई है। व्यावसायिक प्रतिष्ठाने बंद हैं। सिर्फ घरों में ही बिजली का इस्तेमाल हो रहा है। बिजली की खपत 350 मेगावाट से घटकर अधिकतम 288 पर आ गई है। न्यूनतम बिजली की मांग 198 मेगावाट तक आ गई है।
गर्मी बढ़ने के साथ बढ़ी मांग
सभी फीडर और ट्रांसफॉर्मर काफी कम लोड पर चल रहे हैं। गर्मी बढने के साथ ही आवासीय क्षेत्रों में बिजली की मांग बढ़ी है। हालांकि अब भी एसी नहीं चल रहा है। इससे डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मरों पर लोड 30 से 40 फीसद ही है। पटना विद्युत आपूॢत प्रतिष्ठान के अभियंता घरों के रहने रहने वाले उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूॢत के लिए चौकस हैं। फ्यूजकॉल सेंटर 24 घंटे कार्य कर रहे हैं। शिकायत मिलने पर तत्काल ठीक कर बिजली आपूर्ति कर रहे हैं। पटना के ग्रिड में 642 मेगावाट बिजली आवंटित है। हाल में अब लोग बिजली पर निर्भर हो गए हैं। घर-घर में अब अनिवार्य रूप से टीवी चल रहा है। लोग कोरोना वायरस की खबरों के साथ फिल्म भी पूरे परिवार के साथ देख रहे हैं।
खौफ के बीच कार्यों का निर्वहन कर रहे कर्मी
लॉकडाउन में निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति चुनौती है। अभियंता, मानव बल, कामगार कोरोना वायरस के खौफ के बीच भी अपने कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं। लोगों को परेशानी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
दिलीप कुमार ङ्क्षसह, महाप्रबंधक, पटना विद्युत आपूॢत प्रतिष्ठान
ग्रिड न्यूनतम मांग अधिकतम मांग उपलब्धता
जक्कनपुर 33 39 110
मीठापुर 16 22 70
खागौल 38 73 110
गायघाट 30 46 80
फतुहा 9 32
कटरा 17 20 75
दीघा 34 40 60
करबिगहिया 26 33 65
सिपारा 4 6 40
नोट मांग मेगावाट में है।