मधुबनी। लॉकडाउन यानी घर से बाहर निकलने पर पाबंदी। इस दौरान कार्य से दिनभर घर से बाहर रहने वालों की बात तो दूर दिनभर खेल मैदान में उछलकूद मचाने वाले बच्चों का दिनचर्या भी बदल गया है। स्कूल बंद रहने और घर से नहीं निकलने के बीच बच्चों का अधिक समय वीडियो गेम में गुजर रहा है। मैट्रिक परीक्षा परिणाम के इंतजार करने वाले बच्चे आगे की तैयारी की रूपरेखा पर स्वजनों संग चर्चा करते हैं। मार्च में एक से दूसरे वर्ग या फिर दूसरे विद्यालय में नामांकन करने का मन बना चुके बच्चे तो विभिन्न माध्यम से नए-नए विद्यालयों की सुविधाओं की जानकारी जुटा रहे हैं। 'विद्यालय बंद होने से घर पर बैठे मन उब जाता है। पुराने पुस्तकों को पढ़ने में समय दे रही हूं। टीवी पर कोरोना वायरस की स्थिति देखकर घर से बाहर निकलने में डर लगता है।'
- शीजान सफा 'दिनभर घर पर वीडियो गेम खेलना भी अच्छा नहीं लगता है। मन बहलाने के लिए नाना-नानी समेत अन्य स्वजनों से मोबाइल पर बात करता हूं। दादा-दादी को भी लॉकडाउन का पालन करने को प्रेरित करता हूं।'
- हर्ष 'लॉकडाउन से पठन-पाठन कम होने से घर पर पेंटिग की आदत बना ली हूं। तोता, मैना समेत अन्य पशु-पक्षी का चित्र बनाने में काफी मन लग रहा है। पहली बार बनाए गए चित्र देखकर कर हंसी छूट जाती है।'
- पायल 'लॉकडाउन से घर पर रहने का भरपूर इस्तेमाल गीत गाने के साथ डांस सिखने में कर रही हूं। सुबह जल्दी-जल्दी तैयार होकर अपने कमरे में टेलीविजन पर गीत-संगीत वाले चैनल के सहारे डांस का आनंद उठा रही हूं।'
- सिद्धी मोबाइल से छात्राओं को लॉकडाउन का पालन करने की सलाह
मधुबनी : लॉकडाउन गृहिणियों की घर के पुरुषों को घर पर समय नहीं देने की शिकायत दूर हो गई। इन दिनों घर की महिलाएं अपने पुरुष स्वजनों को तरह-तरह की व्यंजन परोस कर उनका दिल जीतने में सफल हो रही हैं। दिन में कई दफे चाय की चुस्की के बीच महिलाएं सभी घरेलू कार्यों के निष्पादन में भी काफी तेजी बरत रही हैं। देखा जाय तो पुरुषों को लगातार घर पर रहने से घर का माहौल भी काफी खुशनुमा बना रहता है। 'कालेज बंद होने से घर के पेंडिग कार्यों का निष्पादन करने में काफी सहूलियत हो रही है। मोबाइल के माध्यम से कॉलेज की छात्राओं को लॉकडाउन का पालन की सलाह देती हूं।'
- डॉ. किरण कुमारी झा, प्राध्यापक जेएमडीपीएल महिला कॉलेज 'नए-नए व्यंजन सीखने के साथ तैयार कर घर के सभी लोगों को खिलाने का सुखद अनुभव हो रहा है। घर में पनीर बिरयानी सभी पंसद कर रहे हैं। होली बाद एक बार फिर से दहीबाड़ा बनाने का अवसर मिला है।'
- उषा देवी, गृहिणी