-प्रति व्यक्ति एक हजार किराया देकर पहुंचे तरैया संसू, तरैया : बाजार के एसबीआइ के पास रविवार को मुख्य सड़क पर ट्रक रुका। उसमें से पांच लोग नीचे उतरे। यह देखते ही अफरातफरी की स्थिति हो गई। लोगों ने ट्रक चालक से पूछा तो बताया गया कि ट्रक में 65 लोग सवार हैं जो कोलकाता से आए हैं। मलमलिया तक जाना है। पांच लोग तरैया के हैं तो उतार दिए। वहां उतरे पचरौड़ गांव निवासी विजुल दास व विकास कुमार, भलुआ भिखारी गांव निवासी विकास कुमार व संदीप कुमार एवं अंधरबारी डुमरी गांव निवासी साहेब दास ने कहा कि सभी लोग प्रति एक हजार किराया दे कर कोलकाता से आए है। इनके आने की सूचना लोगों ने स्वास्थ्य विभाग को दे दी। हालांकि यह ट्रक कोलकाता से तरैया कैसे पहुंच गया, क्या इस दो राज्यों के बीच चेक पोस्ट पर जांच नहीं की गई, यह सब सवाल लोगों की जेहन में कौंध रहे थे। दिल्ली से आ रही बस को खैरा थाना प्रभारी ने रोका
संवाद सूत्र, नगरा : खैरा थाना क्षेत्र के खैरा भट्ठी मोड़ के समीप दिल्ली से आ रही एक बस को खैरा थाना प्रभारी मिथिलेश प्रसाद सिंह ने रोका। करीब सैकड़ों की संख्या में लोग उस पर सवार थे। उक्त बस दिल्ली से हाजीपुर जा रही थी। थाना प्रभारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नगरा प्रखंड विकास पदाधिकारी श्रीनिवास,अंचलाधिकारी मुन्ना कुमार एवं पीएचसी प्रभारी डॉ महेंद्र मोहन तथा स्वास्थ्य मैनेजर ओम प्रकाश को सूचित किया । नगरा प्रखंड से मेडिकल की टीम एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा अंचलाधिकारी खैरा भट्ठी मोड़ पर पहुंचे। सभी बस सवार पैसेंजर को रोक कर जांच की गई। सबको पर्चे दिए गए तथा सबको यह हिदायत दी गई कि 14 दिनों तक अपने घर से बाहर नही निकलोगे। भोजन-पानी तो देंगे पर रहना होगा गांव के बाहर आइसोलेशन केंद्र पर
संसू, दाउदपुर : भैया, भोजन देंगे, पानी देंगे लेकिन गांव व घर में फिलहाल रहने नहीं देंगे। सिसवां खुर्द, सिसवा बुजुर्ग व दाउदपुर गांव में परदेस से गांव में आ रहे प्रवासियों को लोग इसी अंदाज में आइसोलेशन सेंटर पर जाने को बोल रहे हैं। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए इस गांव के लोगों ने चार दिन पूर्व से ही अपने गांव की चौहद्दी को सील कर दिया है। शनिवार को दिल्ली से लौटे एक व्यक्ति को स्वजन ने पंचायत में बने आइसोलेश केंद्र जाने को कहा। पति जब पैसा और बेग छोड़कर जाने लगे तो समान को भी साथ ले जाने के लिए कहा। उधर दुमदुमा, हर्षपुरा गांव में बाइक से दो व्यक्ति गांव आए तो उन्हें घर मे घुसने से रोक दिया गया। सिसवा गांव में तो दूसरे गांव के लोग के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है।