बक्सर : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण से खुद को बचाने के लिए हर कोई अपने को लॉकडाउन किया हुआ है। मगर पिछले एक सप्ताह से जारी परदेसियों के घर वापसी को लेकर उनकी चिताएं बढ़ गई है। चूंकि, विभिन्न प्रांतों से घर आ रहे लोगों का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में समुचित स्वास्थ्य जांच परीक्षण नहीं होने से पड़ोसियों में दहशत व्याप्त है।
आलम यह है कि कल तक मोहल्ले में परदेशी युवक के अपने घर वापस आने पर पड़ोसी उससे सहृदय मिलते थे। आज उसे देख लोग कन्नी काटने लगे हैं। उससे बात करने से भी डर रहे हैं। कोरोना को लेकर लोगों में इस कदर संजीदगी बढ़ी है कि बाहर से आनेवालों की सूचना मिलते ही तत्काल वे कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दे रहे हैं। सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम भी वहां पहुंच रही है। मगर चिकित्सकों द्वारा पूछताछ आधारित जांच व्यवस्था के चलते लोगों में भय है। इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रेमचंद राम ने कहा कि सीमित संसाधनों के बीच मेडिकल टीम आम जनता की सेवा के लिए दिन-रात जुटी है। इस बीमारी का सबसे बड़ा उपचार खुद को घरों के अंदर रखना है। बताते चलें कि, खाड़ी देशों के अलावा दिल्ली, सूरत, गुजरात, महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान सहित अन्य प्रांतों में कार्यरत इलाकाई लोग पिछले कई दिनों से घर वापसी कर रहे हैं। इनमें कुछ सर्दी, खांसी और बुखार से भी पीड़ित हैं। ये लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराने जा रहे हैं। परन्तु, आधी-अधूरी जांच व्यवस्था चलते लोगों के मन से कोरोना का खौफ बना हुआ है।