प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीसरी वार कोरोना वायरस को लेकर देश को संबोधित किया है. पीएम मोदी का आज 63 वां मन की बात का संबोधन था. पीएम मोदी ने आज अपने मन की बात कार्यक्रम में देश के संबोधन में लोक डॉउन को लेकर हो रही परेशानियों को लेकर देश की जनता से माफी मांगी हैं. उन्होंने कहा है बिना लॉक डाउन के हम कोरोना से नहीं जीत सकते हैं.
पीएम मोदी ने देश के संबोधन में कहा है कि मैं देश से माफी मांगता हूं मुझे पता है आप माफ करेंगे. ऐसे निर्णय लेने पड़े जिससे आपको दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा कि खासकर गरीब भाई-बहन को लगता होगा कि कैसे प्रधानमंत्री है, हमें मुसीबत में डाल दिया. घऱ में बंद कर दिया. पीएम मोदी ने देश में लागू लॉक डाउन को लेकर बोलते हुए कहा कि यह जीवन और मौत की लड़ाई जीतना कठोर है. उन्होंने कहा कि हमारे पास इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं था.
पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम मन की बात कार्यक्रम में कोरोना को हराने वाले व्यक्ति रामगप्पा तेजा से बात कि. जिसमें रामगप्पा ने बताया कि क्वारेंटाइन को लोग जेल न समझें. मोदी ने बताया कि कोरोना को हराने वाली कहानी को आप सोशल मीडिया पर डालकर उसे वायरल करें. इसके बाद मोदी ने एक ऐसे परिवार से बात की जिन्होंने कोरोना वायरस से पूरा परिवार लड़ा था. पीएम मोदी ने उन लोगों से बात करते हुए कहा कि अब आप लोगों की जिम्मेदारी है कि आप लोग दूसरे लोगों को जागरुकर करे. उन्हें बताएं.
इस दौरान पीएम मोदी ने पुणे के बोरसे डॉक्टर से बात की जिसमें उन्होंने बताया कि जब आप घऱ में रहे तो कैसे बार बार हाथ धोने चाहिए. जब आपको खांसी आ रही हो तो आप अपने मुंह के पास रुमाल का इस्तेमाल करें. जब कोरोना का टेस्ट हो और आप पोजिटिव आ जाए तो आप घवराएं नहीं हिम्मत से काम लें. लोगों से दूर रहे डॉक्टरों के निर्देश का पालन करें. साथ ही अपने आप को दूसरों से एक दम अलग कर लें. साथ ही पीएम मोदी ने यह भी कहा कि देश के लोगों को डॉक्टरों की बात माननी चाहिए उनके द्वारा कही गई बात को मानना चाहिए. तब ही हम कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ सकते हैं.