कोरोना वायरस से भारत समेत विश्व के 195 देश इससे प्रभावित हैं. लोग इस बीमारी से पूरी तरह से सहमे हुए हैं. भारत में इसको लेकर 21 दिनों तक लॉक डाउन किया गया है. फिलहाल देश में लॉक डाउन के अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं दिख रहा है. डॉक्टरों की टीम इस बीमारी के टीका खोजने को लेकर प्रयास कर रहे हैं. लेकिन अभी तक किसी तरह की सफलता नहीं मिल पाई है. इधर दिल्ली और उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉक डाउन के बाद भी अपने यहां से काम करने वाले मजदूरों को अपने अपने घऱ जाने को कह दिया है इसके बाद उन्होंने उन लोगों के लिए बस भी मुहैया करा दिया है. इसको देखते हुए बिहार सरकार ने सीमाओं से प्रवेश करने वालों को राहत शिविरों में जांच किया जाएगा. साथ ही उनके रहने और खाने की व्यवस्था की गई है. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश, बंगाल, झारखंड के अलावा नेपाल के सटे जिलों से बिहार आ सकते हैं.
इधर दिल्ली और उत्तर प्रदेश से आने वाले लोगों के लिए नीतीश कुमार ने इसका विरोध किया है जिसमें उन्होंने कहा है दिल्ली और उत्तर प्रदेश सरकार को इन लोगों के लिए रहने खाने और स्वास्थ को लेकर व्यवस्था करना चाहिए थे. उन्हें इस तरह से नहीं छोड़ देना चाहिए था. अब नीतीश सरकार ने वायरस संक्रमण को रोकने के लिए बाहर से आने वाले लोगों पर जितनी नजर रखी जाये और उनकी जांच करायी जाये. जिससे की हम संक्रमण को रोक सकते हैं.
आपको बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए नीतीश कुमार ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश से आने वाले लोगों का विरोध किया था. इसके कुछ घंटों के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक निर्देश जारी कर दिया. लेकिन नीतीश कुमार इसको लेकर लगातार विरोध कर रहे हैं.