कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। लोगों के मन में रोज नए-नए सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें और गलत जानकारियां भी प्रकाशित हो रही हैं। इन अफवाहों और भ्रांतियों को दूर करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने प्रयास तेज किया है। डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर उपलब्ध और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी जा रही कोरोना से जुड़ी जानकारियों को आप तक पहुंचाने के लिए ‘हिन्दुस्तान' ने प्रश्नोत्तरी की शुरुआत की है। साथ ही कोरोना को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही मिथक और उसकी सच्चाई से हम आपको रूबरू करा रहे है-
कोरोना के तीन लेटेस्ट मिथक और सच्चाई 1- चूंकि कोविड-19 की टेस्टिंग उपलब्ध नहीं है, इसलिए हमें रक्तदान करना चाहिए। ब्लड बैंक इसकी जांच करेगा। हकीकत: विशेषज्ञ की मानें, तो कोई ब्लड बैंक कोरोना वायरस से जुड़ा टेस्ट नहीं कर रहा है। रक्तदान केन्द्रों में कोरोना वायरस को जांचने की किट मौजूद नहीं है। अमेरिकी रेडक्रॉस सोसाइटी ने अपने एक बयान में कहा है कि रक्तदाताओं में इस तरह की जांच गैर-जरूरी है, क्योंकि ऐसी कोई सूचना या तथ्य मौजूद नहीं है, जो ब्लड ट्रांसफ्यूजन से कोविड-19 संक्रमण के फैलने की बात करता हो। दुनिया भर में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। हालांकि रक्तदान केन्द्रों की लोगों को सलाह है कि अगर उन्हें संक्रमण है या इसका उन्हें संदेह है, तो उन्हें रक्तदान नहीं करना चाहिए।
2- कोरोना वायरस गले में रहता है, तो खूब पानी पिएं, ताकि वायरस पेट में पहुंच जाए, जहां मौजूद एसिड वायरस को मार देगा। हकीकत: यह तथ्य सही नहीं है। लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन की विशेषज्ञ कल्पना सबापति बताती हैं, अकसर संक्रमण हजारों या लाखों वायरल कणों के प्रभाव में आने के बाद शुरू होता है। अगर आप इनमें से कुछ को आहार नली की ओर धकेलने में सफल भी हो जाएं, तो भी इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यह वायरस दूषित हाथों से आंख या मुंह को छूने से शरीर में प्रवेश कर सकता है। संक्रमण का खतरा तब बड़ा होता है, जब संक्रमित व्यक्ति के खांसने पर निकली छोटी-छोटी बूंदों को आप सांस के जरिये अंदर खींच लेते हैं, जिनमें हजारों वायरल कण मौजूद होते हैं।
3- घर के हरेक दरवाजे के कुंडों, हत्थों को कीटाणुनाशक से साफ करना, कोविड-19 संक्रमण को रोकने का अच्छा उपाय है। हकीकत: विशेषज्ञों की मानें तो नियमित अंतराल पर हाथ धोना और दूसरों से छह फुट की दूरी बनाए रखना, इस संक्रमण से बचने का बेहतरीन तरीका है। जब तक आप घर पर किसी कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति की देख-रेख नहीं कर रहे हैं, तब तक घर की हरेक सतहों, दरवाजों की सफाई आदि ज्यादा चिंता का विषय नहीं होना चाहिए। लेकिन अपनी कॉलबेल, बाहरी दरवाजों के कुंडों, हत्थों को समय-समय पर कीटाणुनाशक से साफ करते रहना एक अच्छा विचार है। इससे अगर कॉलबेल और बाहरी दरवाजों पर किसी प्रकार संक्रमण होगा भी, तो समाप्त हो जाएगा।