बेगूसराय। 21 दिनों के लॉकडाउन से लोगों की दिनचर्या एकदम बदल सी गई है। कुछ लोग खाली समय का उपयोग लिखने- पढ़ने में कर रहे हैं तो अधिकांश लोग अपना समय टीवी चैनलों से चिपक कर गुजार रहे हैं। ऐसे में डीडी दूरदर्शन ने लगभग तीन दशक बाद उस समय के सर्वाधिक लोकप्रिय टीवी सीरियल रामायण का पुन: प्रसारण कर लोगों को अपनी संस्कृति से एक बार फिर रूबरू होने का अवसर प्रदान कर दिया है। 25 जनवरी 1987 को पहली बार इसका प्रसारण शुरू हुआ था। जो लगभग डेढ़ वर्ष 31 जुलाई 1988 तक चला। तब इसका प्रसारण रविवार की सुबह होता था। इसके प्रसारण के समय सड़कें वीरान और खेत खलिहान सुनसान हो जाया करते थे, मानो शहर या गांव में अघोषित कर्फ्यू हो। लोग टीवी से न सिर्फ चिपके रहते, वरन स्नान ध्यान आदि के साथ ही टीवी सेट को धूप अगरबत्ती भी दिखाया करते थे। मानो अभिनय करते पात्र साक्षात भगवान राम, सीता और लक्ष्मण हों। यह वो दौर था जब केबल कनेक्शन की जगह घुमाने वाला एंटिना हुआ करता था। बिजली आती कम, जाती ज्यादा थी। बावजूद इसके रामायण सीरियल की लोकप्रियता और टीआरपी आज भी कोई पार नहीं कर पाया है। इसकी लोकप्रियता की बाबत भाजपा नेता सिधेश आर्य का कहना है कि तैंतीस वर्षों में पूरी एक पीढ़ी निकल गई है। रामायण न सिर्फ महाकाव्य है वरन हमारी संस्कृति, हमारे समाज का आदर्श भी है।
Posted By: Jagran
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