मुजफ्फरपुर, जेएनएन। गर्मी की धमक के साथ ही एईएस (एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम) ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। इससे पीडि़तों की संख्या दो हो गई है। एसकेएमसीएच के पीआइसीयू वार्ड संख्या दो में भर्ती सकरा प्रखंड के बाजी बुजुर्ग निवासी मुन्ना राम के पुत्र आदित्य कुमार (तीन वर्ष) की स्थिति गंभीर हो गई है। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। वहीं शुक्रवार देर रात भर्ती कराई गई मोतिहारी जिले के चिरैया निवासी रूपन सहनी की पुत्री सपना कुमारी (पांच वर्ष) में भी एईएस की पुष्टि हुई है। हालांकि उसकी स्थिति में सुधार हुआ है। शिशु विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी ने कई तरह की जांच कराई थी। इसकी रिपोर्ट शनिवार को आई। उधर, शाम को डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने अस्पताल पहुंचकर पीआइसीयू वार्ड का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पीडि़तों के स्वजनों से बच्चों के बीमार होने के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुनील शाही को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
बेहोशी की हालत में बच्ची पहुंची थी अस्पताल
रूपन सहनी ने बताया कि शुक्रवार की सुबह दस बजे बच्ची ने चावल-दाल खाई। इसके बाद वह खेलने चली गई। इसी क्रम में वह स्नान कर ली और सो गई। कुछ ही देर बाद उसके मुंह से झाग निकलने लगा और वह कंपकंपाने लगी। फिर चमकी के साथ उसे बुखार आ गया। कुछ देर बाद वह बेहोश हो गई। पहले उसे मोतिहारी सदर अस्पताल में लग गए, जहां से उसकी स्थिति देखते हुए एसकेएमसीएच भेज दिया गया। उधर, आदित्य की मां सोनामती देवी ने बताया कि गुरुवार को बच्चे को सर्दी हुई थी। गांव के ही एक चिकित्सक से दवा लेकर रात में दी गई। शुक्रवार सुबह पांच बजे वह अचानक कांपने लगा। फिर उसे चमकी आने लगी। उसे सकरा पीएचसी ले गए। जहां से कुछ दवा देकर एसकेएमसीएच भेज दिया गया।
बीते वर्ष 431 बच्चे हुए थे बीमार
गर्मी के दिन में कहर बनकर आने वाली एईएस से बीते वर्ष 431 बच्चे बीमार होकर भर्ती हुए थे। 111 बच्चे मौत के मुंह में चले गए थे। वहीं, 320 बच्चे क्योर होकर अस्पताल से लौटे। अस्पताल से घर लौटने वाले बच्चों में से आधा दर्जन बच्चे दिव्यांगता से जूझ रहे हैं।