मजदूरों ने SP को फोन कर दी गाली ताकि उन्हें जेल भेज दिया जाए और खाने को कुछ मिल सके

28 Mar, 2020 02:29 PM | Saroj Kumar 219

कोरोना के कारण इन दिनों देश की जो हालत है, उसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की थी। पूरा देश सन्नाटे में है। लोग घरों में कैद है। ऐसी स्थिति में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के साथ-साथ फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले लोगों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। बिहार के मजदूर देश के हर राज्य में है। जिनके सामने खाने-पीने की समस्या आ गई है। जिससे पार पाने के लिए बिहार के नवादा के कुछ मजदूरों ने एसपी को फोन कर गाली दी। ताकि उन्हें इस जुर्म की सजा के लिए जेल में डाल दिया जाए, जहां उनके खाने-पीने का बंदोबस्त हो जाए।


किशनगंज के एसपी के फोन कर दी गाली
मामले की जानकारी देते हुए किशनगंज एसपी कुमार आशीष ने बताया कि गुरुवार शाम उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से फोन आया। फोन रिसीव करते ही कॉलर ने अपशब्द कहना शुरू किया, बिना किसी कारण और बिना किसी लाग-लपेट के। एसपी ने कहा कि मैंने अपना धैर्य नहीं खोया। मैं समझ गया था कुछ तो वजह होगी… शायद वे बहुत परेशान हैं और उनकी हालत दयनीय होगी। मैंने विनम्रता से उनकी समस्या के बारे में पूछा तो पता चला कि कि वे लोग कुल आठ मजदूर हैं और बिहार के नवादा जिले से हैं। लॉकडाउन के कारण गुजरात के सूरत में फंसे हुए है। जीवन से निराश हो चुके हैं। फोन करने वाले ने बताया कि सोचा एसपी को गाली देंगे तो शायद जेल ही भिजवा दें, जहां जिंदा रहने के लिए भोजन तो मिल ही जाएगा।


एसपी ने की मदद, मजदूरों को मिला भोजन
एसपी के बताया कि समस्या मेरे जिले की नहीं थी, उनका नाम-पता पूछा और तुरंत नवादा के डीएम यशपाल मीणा को मामले की जानकारी दी और यशपाल ने उनकी यथासंभव मदद करने का आश्वासन भी दिया। शुक्रवार सुबह बिहार के निवासी विभिन्न अधिकारियों के व्हाट्सएप समूह के माध्यम से, मैंने सूरत में एक अधिकारी प्रमोद से इस मामले में उन जरूरतमंदों की मदद की गुजारिश हेतु संपर्क किया। उन्होंने फौरन वहां के अशोक केजरीवाल जी से कहा, जो झारखंड के निवासी हैं और वर्तमान में सूरत में व्यवसाय कर रहे हैं। वे उन सभी आठ मजदूरों को आवश्यक देखभाल के लिए सूरत में अपने फार्म हाउस पर ले गए। सभी को खाना, आवासन के साथ प्रत्येक को एक एक हजार रुपये भी दिए गए हैं। वे अब खुश हैं।

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