कोरोना वायरस को फैलने से रोकने लिए लॉकडाउन मंे सबसे अधिक परेशान मजदूरों को होना पड़ रहा है। इस समय दिल्ली में यूपी-बिहार के हजारों परिवार रह रहे हैं। वे यहां निकलने की हर संभव कोशिश में लगे हैं। हालांकि सरकार बार बार आग्रह कर रही है जो जहां है वहीं रहे किसी को परेशानी नहीं होगी। बावजूद इसके दिल्ली और यूपी के बार्डर यूपी गेट पर शुक्रवार शाम से भारी भीड़ जमा है। लॉकडाउन के बाद से मजदूर वर्ग के लोगों का घर जाने का सिलसिला जारी है। वाहन नहीं मिलने पर लोग पैदल ही अपने घरों को रवाना हो रहे हैं। शुक्रवार सुबह बारिश में भी इक्का दुक्का मजदूर वर्ग के लोग पैदल घर जाते नजर आए, लेकिन दोपहर बाद बारिश बंद होने पर अधिक संख्या में लोग अपने घरों से निकलने लगे। शाम 5 बजे यूपी गेट पर यूपी पुलिस ने उन्हें रोक दिया। ऐसे में यूपी गेट पर मजदूर वर्ग के लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। लोग पुलिसकर्मियों के सामने अपनी मजबूरी सुनाने लगे। पुलिसकर्मियों की काफी कोशिश करने के बाद वे लौटने को तैयार नहीं हुए। आखिरकार यूपी पुलिस ने उन्हें जाने के लिए रास्ता खोल दिया। लोग वैशाली की तरफ लिंक रोड से अपने घरों को रवाना हुए। शनिवार सुबह फिर से वहां हजारों की भीड़ जता हो गई।
खाने के लिए तरस रहे यूपी गेट से जाने वाले बरेली के रहने वाले फुरकान ने बताया कि वह तुर्कमान गेट में मजदूरी करता है। लॉकडाउन होने के बाद से वह पिछले चार दिन से दिल्ली बंद है। जहां काम करते थे, वहां खाना बनाने की व्यवस्था नहीं है। वह रोजाना ढ़ाबे पर खाना खाते थे। अब उन्हें खाना भी नहीं मिल रहा है। इसलिए साथियों के साथ अपने घर को रवाना हो रहे हैं। लखनऊ के रहने वाले अफताब ने बताया वह एक फैक्टरी में काम करते हैं। परिवार में पत्नी और दो बच्चें हैं। कोरोना से डरे हुए हैं, दिल्ली में कोई अपना नहीं है। वह पिछले दो दिनों से अपने घर लखनऊ जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन एक ई-रिक्शा तक नहीं मिला। सरकार कोई ऐसी सुविधा भी नहीं दी, जिससे वह घर को जा सके। इसलिए वह पैदल ही अपने परिवार को लेकर जा रहे हैं।
कोई घर न लौटे, सभी को खाना देंगे : केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार हुए दूसरे प्रदेश के लोगों को रहने दिल्ली छोड़ कर अपने घर नहीं जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों के खाने का इंतजाम किया जा रहा है। कोई भी दिल्ली छोड़कर अपने घर न जाए। उन्होंने घर जा रहे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और बंगाल समेत अन्य राज्य के लोगों से दिल्ली की सीमा से वापस लौट आने की अपील की है।
325 स्कूलों में भी मुफ्त खाना मिलेगा लॉकडाउन के दौरान अब रैनबसेरों के अलावा दिल्ली सरकार के 325 स्कूलों में भी मुफ्त खाना मिलेगा। सरकार ने इसके लिए निगम के प्रत्येक वार्ड में दो-दो स्कूल चिह्नित किए हैं। यहां सुबह और शाम में खाना दिया जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को यह घोषणा की है। केजरीवाल ने कहा कि अभी तक दिल्ली में 243 रैनबसेरों में 20 हजार लोगों को खाना दिया जा रहा था। मगर लॉकडाउन के चलते लगातार भीड़ लग रही थी। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों का मेरे पास मैसेज आ रहा था कि उनके राज्य के लोगों का ख्याल रखा जाए। खाने की दिक्कत के चलते कई लोग पैदल ही दिल्ली छोड़कर जा रहे थे। इसलिए अब करीब दो लाख लोगों के लिए खाने की व्यवस्था कर दी गई है। आने वाले कुछ दिनों में यह चार लाख लोगों के लिए होगी। मेरी बंगाल, झारखंड, बिहार, यूपी के लोगों से अपील है कि वह कही न जाएं। दिल्ली में रहें। उनका पूरा ख्याल रखा जाएगा।
जो जहां है वहीं रुके : योगी आदित्याथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि लॉकडाउन की अवधि तक लोग जहां हैं, वहीं रुके रहें'। यह सभी के हित में है। उन्होंने कहा है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में भूखे लोगों तक भोजन पहुंचाया जाए। उनके लिए रैन बसेरे की व्यवस्था की जाए। प्रदेश में अन्य राज्यों से आने वाले श्रमिकों को, वे जहां हैं, वहीं किसी विद्यालय, धार्मिक स्थल, सामुदायिक केन्द्र आदि पर रोक कर, लाक डाउन की अवधि तक भोजन, पेयजल, दवा आदि अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि किसी ही प्रदेश से गुजरने वाले श्रमिक को आवश्यक व्यवस्थाएं मिलें। इसके लिए जिलाधिकारी को जवाबदेह बनाया जाए।
बिहार भवन, दिल्ली ने 17 हजार को पहुंचाई राहत
कोरोना वायरस के संभावित फैलते संक्रमण के मद्देनजर देश के विभिन्न राज्यों में बिहार के श्रमिकों को सहयोग एवं सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से स्थानिक आयुक्त बिहार विपिन कुमार के आदेश पर बिहार भवन,नई दिल्ली में शुक्रवार को नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। शाम तक 537 फोन आये और 17 हजार लोगों की समस्याओं पर कार्रवाई की गयी। नियंत्रण कक्ष में मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना से सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनपर कार्रवाई की गयी। कुमार ने बताया कि समस्याओं पर संबंधित राज्यों के वरीय पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर त्वरित कार्रवाई की गयी। कई स्थानों से अनुपालन प्रतिवेदन भी प्राप्त हुआ है। नियंत्रण कक्ष का नंबर 011-23792009, 011-23014326, 011-23013884 है। फैक्स और ईमेल की सुविधा भी दी गई है।