कोरोना से भारत में कोहराम मचा हुआ है. इसके पीछे एक बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. इसके लिए कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों से जवाब भी मांगा है. मामला पिछले दो महीनों में विदेश से आए लोगों की कोविड -19 (COVID19) जांच से जुड़ा हुआ है. पिछले दो महीने में देश में विदेश से लगभग 15 लाख लोग आए, लेकिन इन सभी की कोरोना वायरस जांच नहीं हुई.कैबिनेट सचिव राजीव गौबा (rajiv gauba) ने राज्य सरकारों को बताया है कि पिछले दो महीने में 15 लाख से ज्यादा लोग विदेश से भारत आए हैं लौटने वाले यात्रियों कोरोना वायरस संक्रमण के संदेह में वास्तविक रूप से निगरानी में रखे गए लोगों की संख्या में बड़ा अंतर प्रतीत हो रहा है. सभी राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को राजीव गौबा ने पत्र लिखा है.
गौबा ने कहा कि विदेश से लौटे सभी यात्रियों की निगरानी में अंतर या कमी कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने की कोशिशों को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है. इसके पीछे वजह है कि कई लोग जो विदेश से लौटे हैं वो कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. जिनकी जांच नहीं हुई है वो कोरोना पॉजिटिव निकले तो क्या होगा.
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ब्योर ऑफ इमीग्रेशन रिपोर्ट विदेश से आए लोगों की संख्या में अंतर
उन्होंने आगे पत्र में लिखा है, ' ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन ने 18 जनवरी 2020 से 23 मार्च 2020 तक की रिपोर्ट राज्यों केंद्रशासित प्रदेशों से इकट्ठा की है, जिसमें विदेश से आए लोगों की कोविड-19 की जांच की डिटेल है. इस रिपोर्ट भारत आए कुल यात्रियों की संख्या में अंतर है.
बाहर से आ लोगों की पहचान करके जांच करने के दिए निर्देश
पत्र में राजीव गौबा ने राज्यों के मुख्य सचिवों को कहा है कि एक बार फिर से विदेश से आए यात्रियों की पहचान की जाए उनका कोरोना टेस्ट किया जाए. इसके साथ ही इन्हें आइसोलेशन में रखा जाए. इस काम में जिला स्तर के अफसरों से मदद लेने को भी राजीव गौबा ने कहा है.
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कोरोना पॉजिटिव की संख्या लगातार बढ़ रही है
गौरतलब है कि भारत में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. भारत में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 863 पहुंच गई है.जिसमें से 73 लोग ठीक हो चुकी हैं. वहीं 20 लोगों की मौत हुई है. भारत में अभी तक जो मामले सामने आए हैं वो विदेशों से लौटे लोगों के संपर्क में आने से हुए हैं.