सहरसा। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर भविष्य में होने वाली अनिश्चितता की चिता, सामान्य सर्दी, खांसी या बुखार होने पर डर, संक्रमण होने पर अलग-थलग रहने का भय जैसी बातें यदि आपके दिमाग में चल रही हो तो सावधान जो जायें। यह आपको मानसिक रूप से अस्वस्थ कर सकता है। इससे आपका मानसिक स्वास्थ्य काफी प्रभावित हो सकता है। विश्व भर में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण जन समुदाय के मन में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। जो उन्हें मानसिक रूप से परेशान भी कर रहे हैं। चाहे आम लोग, संक्रमित व्यक्ति या कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव में जुटे स्वास्थ्य कर्मी की बात हो, सभी को ऐसे माहौल में सकारात्मक सोच रखने की जरूरत है। बढ़ते संक्रमण के कारण भावनात्मक एवं व्यवहारिक प्रतिक्रिया लाजिमी है। लेकिन अत्यधिक नकारात्मक प्रतिक्रिया आपके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल सकता है।
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बेहतर मानसिक स्वास्थ्य के लिए यह करें
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स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि भावना को स्वीकार करें एवं साझा करें, कोरोना के विषय में विश्वसनीय स्त्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें (विश्व स्वास्थ्य संगठन, सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन, इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार), अटकलों और अफवाहों से बचें, हाथ की सफाई एवं सोशल डिस्टेंसिग को अपनाए, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें एवं संतुलित आहार लें, बच्चों एवं पड़ोसियों के लिए रोल मॉडल बनें , कार्य एवं अवकाश के बीच संतुलन बनायें, बुजुर्गों का अधिक ख्याल रखें (उन्हें संक्रमण का अधिक खतरा है), संक्रमण की रोकथाम में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें।
Posted By: Jagran
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