कहा जाता है कि गुगल से जो पुछो वो सब बता देता है. ऐसा ही कुछ मामला सामने आया है जिसमें यह बताया गया है कि बिछड़े हुए लोगों को गुगल द्वारा उसे अपने घर तक पहुंचाया गया है. यह पूरा मामला फैजावाद का है. जहां पुलिस ने एक दिमागी रुप से कमजोर महिला से यह पता लगाना चाह रही थी कि वह कहा कि हैं और उसका क्या नाम है. उस महिला के हाथ पर सुखमति गुदा हुआ था जिसके आधार पर यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि उस महिला का नाम सुखमती है.
पुलिस ने उस महिला से कई तरह से यह जानने को कोशिश करती रही की वह अपना नाम और अपना घऱ बता दें लेकिन पुलिस के हाथ इस तरह की सभी कोशिश नाकाम रही. सुखमती पुलिस को कुछ टेढ़े-मेढे दो और शब्द लिखती थी पर उसकी लिखावट पता नहीं चलता था. इस पुलिस मामले को लेकर फैजाबाद महिला थाना अध्यक्ष प्रियंका पांडेय के मुताबित युवती क्या लिख रही थी. उसने मुश्किल से समझ मे आया कि उस महिला ने बसना और महासमुद लिखा था. जिसके बाद उसको गुगल पर सर्च किया गया तो पता चला कि यह एक छत्तीसगढ़ का कस्बा है. जब पुलिस ने बसना पुलिस स्टेशन से संपर्क किया तो पता चला कि वहां सुखमती नाम की एक महिला के नाम से गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हैं.
जब महिला के बारे में जानकारी मिल गई तो पुलिस ने घरवालों को फैजाबाद महिला थाना से छत्तीसगढ़ के महासमुद्र में वहां पहुंचाया गया है. जैसे ही गुमशुदा महिला ने मां को देखा दौड़ कर असके गले में लिपट गई. युवती की मां ने बतायी क युवती का मानसिक इलाज चल रहा है. वो घऱ से सब्जी लेने निकली थी. उसके बाद उसका कोई पता नहीं चल रहा था. उन्होंने कहा कि 19 मार्च को हार कर बसना पुलिस थाने में मामले को दर्ज कराया गया है.