Coronavirus : भारत में कोरोना वायरस के अभी तक 724 मामले सामने आ चुके हैं। इसके अलावा सरकार ने 17 लोगों की मौत की पुष्टि की है। कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के बाद लोगों को डर है कि चीन,इटली और अमेरिकी की तरह महामारी विकराल रूप न ले ले। लेकिन भारत में इस महामारी के विकराल रूप लेने की संभावनाएं कम हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत में कोरोना वायरस से ज्यादा लोग संक्रमित नहीं होंगे। आइये जानते हैं वो कौनसे कारण हैं।
भारत ने मामले बढ़ने से पहले किया लॉकडाउन
कोरोना वायरस से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका सोशल डिस्टेंसिंग को माना गया है। लेकिन कोरोना वायरस से प्रभावित चीन, इटली, स्पेन ने लॉकडाउन बहुत देर से किया था। विदेशी देशों ने स्वास्थ्य सेवाओं पर अत्यधिक भरोसा करते हुए अपने-अपने देशों को लॉक डाउन नहीं किया। कोरोना वायरस के यूरोप में जनवरी में मामले आना शुरू हो गए थे। इसके बावजूद 19 फरवरी को इटली में अटलांटा-वेलेंसिया के बीच चैम्पियंस लीग के मुकाबले हुए। मिलान में हुए मुकाबलों को देखने 40 हजार हजार लोग पहुंचे। दावा किया गया है कि बड़े पैमाने पर वायरस फैलने का कारण यह मैच है।
कोरोना वायरस से 250 से अधिक मौत होने के बाद इटली ने लॉकडाउन का ऐलान किया। इसके बावजूद उनकी अंडरग्राउंड ट्रेन चलती रहीं। जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग इधर से उधर घरों के लिए गए। इसके कारण कोराना वायरस ने विकराल रूप ले लिया। वहीं स्पेन और चीन ने भी बहुत देरी से लॉकडाउन किया। जबकि अमेरिका ने अभी तक लॉकडाउन नहीं किया है।
दूसरी तरफ भारत सरकार ने विदेशों के अनुभवों से 22 मार्च को ही लॉकडाउन कर दिया। ट्रेन और मेट्रो की सेवा बंद कर दी गई। राज्यों ने अपने स्तर पर लॉकडाउन कर दिया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च रात आठ बजे 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान कर दिया। इसके अलावा परिवहन के साधनों को पूरी तरह बंद कर दिया गया। इसके कारण लोग ज्यादा संख्या एक जगह से दूसरी जगह नहीं जा पाए। जिसके कारण जिन जगहों पर कोरोना वायरस फैल चुका था सिर्फ वहीं पर नए मामले सामने आए। अब जब राज्यों और जिलों की सीमाएं सील कर दी गईं हैं तो संक्रमित लोगों के एक जगह से दूसरी जगह जाना संभव नहीं है।
तापमान और नमी का भी पड़ेगा फर्क
भारत में गर्मियां शुरू हो गई हैं। दिन का तापमान 30 से 31 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इसके अलावा मौसम में नमी बरकरार है। अमेरिका स्थित मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों का दावा है कि जो स्थान गर्म हैं और नमी है वहां यह वायरस कम फैल रहा है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी कोरोना वायरस के मामले तेजी से कम होना शुरू हो जाएंगे।
वैज्ञानिकों का दावा इसके कारण भी साबित होता है क्योंकि जहां पर अभी कोरोना वायरस विकराल रूप से फैला है वहां पर ठंड है। स्पेन के मेड्रिड में इस वक्त न्यूनतम तापमान 1 से 2 डिग्री के करीब है। जबकि अधिकतम तापमान 20 डिग्री से कम रहता है। इसी तरह इटली के लोम्बार्डी शहर का न्यूनतम तापमान 5 डिग्री के करीब है। इसी तरह चीन के वुहान, अमेरिका के न्यूयार्क का न्यूनतम तापमान भी 5 डिग्री सेल्सियस के करीब रहता है।
वहीं भारत की बात करें तो न्यूनतम तापमान 20 डिग्री और अधिकतम तापमान 30 डिग्री के करीब है। जबकि आने वाले समय में तापमान तेजी से बढ़ेगा। कई राज्यों में तापमान अप्रैल में 40 डिग्री तक पहुंच जाएगा। जबकि मई-जून में यह 45 डिग्री के पार होगा। ऐसे में कोरोना वायरस का असर कम होने की वैज्ञानिकों ने संभावना जतायी है।