पटना, जेएनएन। कोरोना के संक्रमण के खतरे को देखते हुए बिहार में मुस्लिम संप्रदाय के धर्मगुरुओं ने साफ तौर पर कहा है कि लॉकडाउन के बाद पूरे प्रदेश में जुमे की नमाज मस्जिदों में नहीं अदा की जाएगी। लोग अपने घरों में नमाज अदा करेंगे। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए जो सोशल डिस्टेंसिंग की बात कही गई है उसे लेकर ही धर्मगुरुओं ने ये कदम उठाया है।
पटना शहर की सभी मस्जिदों से माइक द्वारा ऐलान किया जा रहा है कि आज जुम्मा की नमाज पढ़ने के लिए कोई भी व्यक्ति मस्जिद ना आए अजान होने के बाद वह अपने अपने घरों में ही नमाज अदा करें।
शुक्रवार को कई जिले के मस्जिदों में नमाज अदा नहीं कर के घरों से नमाज अदा करने के पोस्टर लगा दिए गए हैं। मस्जिदों में तालाबंदी कर दी गई है। प्रमुख बाजार में बांस से बैरिकेडिंग कर दिया गया है।
वहीं इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने भी जुम्मे की नमाज के मद्देनजर अल्पसंख्यक समाज के लोगों से अपील की है कि बिहार व राष्ट्र के व्यापक हित में मस्जिदों की जगह अपने अपने घरों से ही नमाज अता करें।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के विश्वव्यापी प्रसार से आज सम्पूर्ण मानवता ही खतरे में है। ऊपरवाले पर आस्था व विश्वास के साथ भी हम सभी को अपने इंसानी, सामाजिक दायित्वों का निर्वहन भी करना है।
मैं ऊपरवाले से दुआ करता हूँ कि सभी राज्य व देशवासी स्वस्थ व सुरक्षित रहें।
कादरी ने नीतीश सरकार द्वारा कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के प्रयास में, 100 करोड़ के पैकेज की पहली घोषणा को सही दिशा में सही कदम बताया एवं मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहते हुए और आर्थिक संसाधनों से गरीबों, असंगठित कामगारों व मध्यम वर्गीय परिवारों को मदद करने की मांग की है।
बिहार के जमुई जिले में लॉकडाउन के बाद मस्जिदों में सार्वजनिक तरीके से नमाज अदा नहीं होंगी। बुधवार को अंचलाधिकारी विनोद कुमार चौधरी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी वीणा कुमारी ने सिकंदरा जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष एवं सदस्यों से मिलकर सार्वजनिक तरीके से मस्जिदों में नमाज अदा करने के लिए मना किया। मस्जिद में सिर्फ मोवजीम और इमाम रहेगें।
वहीं जिले के सिकंदरा और सोनो प्रखंड के मुस्लिम समुदाय के बुद्धिजीवियों, धर्म गुरुओं ने भी जमात में नमाज नहीं पढ़ने का निर्णय लिया।
पटना में भी विभिन्न मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा नहीं की जाएगी।