मुजफ्फरपुर, जेएनएन। विश्व के लिए संकट बने कोरोना को लेकर मदरसों एवं मस्जिदों से बड़ा एलान किया गया है। यह एलान जुमे की नमाज को लेकर किया गया है। इसमें कहा गया है कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए सरकार द्वारा किए गए लॉकडाउन का पालन करते हुए घर पर ही जुमा के बदले जोहर की नमाज अदा करें। जुमे की नमाज अदा करने मस्जिद नहीं आएं। यह भी कहा गया है कि जुमे की नमाज मस्जिदों में महज चार-पांच नमाजियों के साथ अदा की जाएगी।
यह एलान मदरसा जाम-ए-उल उलूम, खानकाह व इदारे तेगिया एवं शिया मौलाना सैयद काजिम शबीब आदि ने की है। वहीं, पांच वक्त की नमाज में भी एहतियात बरतने की अपील की गई है। मदरसा जाम-ए-उल उलूम के मोहतमिम व कंपनीबाग जामा मस्जिद के इमाम हाजी मौलाना आले हसन ने कहा कि इस्लाम में इंसानी जिंदगी की हिफाजत को बड़ी अहमियत दी गई है।
कोरोना वायरस एक दूसरे के सम्पर्क में आने से तेजी से फैलता है। लिहाजा जुमे की नमाज में नमाजियों की भीड़ से बीमारी फैलने का खतरा है। इसलिए घर में ही जुमा के बदले जोहर की नमाज अदा करें। उन्होंने कहा कि अल्लाह नीयत को कबूल करता है इसलिए नेकी में कमी नहीं आएगी। शिया मौलाना सैयद काजिम शबीब ने कहा कि इंसानियत को बचाना सबसे बड़ी इबादत है।
इस्लाम का मुख्य पैगाम इंसान व इंसानियत को बचाना है। इसलिए जुमे की नमाज मस्जिद में पांच लोगों से अदा कर ली जाएगी। अन्य लोग घर पर ही नमाज अदा करें। खानकाह व इदारे तेगिया के सज्जादानशीं अल्हाज शाह अलवीउल कादरी ने कहा कि लोग घरों पर ही जुमा के बदले जोहर की नमाज अदा करें। खुद एवं देश की हिफाजत के लिए यह काफी जरूरी है कि सरकार एवं विशेषज्ञों की राय को नजरअंदाज नहीं किया जाए।