मुंगेर। नोबल कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए सोशल डिस्टेंस जरूरी है। अफवाहों से भी सावधान रहने की जरूरत है। यह बातें सदर बाजार जमालपुर की महिला चिकित्सक मनीषा गुप्ता ने कही।
डॉ. मनीषा ने कहा कि सामान्य तौर पर सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार आदि को कोरोना वायरस का संक्रमण मानना गलत होगा। हां, अगर कोई चीन अथवा कोरोना प्रभावित अन्य देशों की यात्रा कर लौटे हैं तो उन्हें विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। सावधानी के लिए यदि किसी व्यक्ति को सर्दी-खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ जैसी परेशानी हो, तो प्रखंड से लेकर जिला स्तर के अस्पताल के चिकित्सकों से सलाह लें। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य विभाग काफी सतर्क है। अस्पताल में चिकित्सक जांच के बाद इलाज और परामर्श दे रहे हैं। बदलते मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार के साथ शरीर में ऐंठन से परेशान मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
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छींकते और खांसते समय रखें रुमाल
डॉ. मनीषा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना से लेकर इससे मिलते-जुलते वायरस से संक्रमित के खांसी और छींक का असर छह फुट तक होता है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अस्पताल में आने वाले मरीजों की भ्रांतियों को दूर करने के लिए तरह तरह की सलाह दी जी रही है। इसमें बताया जा रहा है कि अगर कोई इससे मिलते जुलते वायरस की चपेट में हैं तो वह खांसते या छींकते समय मुंह पर कपड़ा अनिवार्य रूप से रखें, ताकि आसपास के लोग संक्रमण से बच सकें।