गोपालगंज : इतिहास में यह शायद पहली बार है कि चैत्र नवरात्र में ऐतिहासिक थावे दुर्गा मंदिर का कपाट बंद रहा। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर लॉकडाउन के आदेश के बाद पहली बार थावे दुर्गा मंदिर परिसर बुधवार को सूना पड़ा रहा। इस बीच श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के दरवाजे बंद रहे। लोगों ने चैत्र नवरात्र को लेकर अपने घरों में रहकर ही मां दुर्गा की पूजा अर्चना की। कई घरों में कलश स्थापना कर मां की पूजा अर्चना का कार्य प्रारंभ हुआ।
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए आगामी 14 अप्रैल तक लॉकडाउन का आदेश दिया है। इस आदेश की परिधि में मंदिर भी शामिल हैं। यानि इस अवधि में मंदिरों में प्रवेश व पूजा अर्चना पर पूर्ण रूप से रोक है। इसी रोक के आदेश के बीच बुधवार को चैत्र नवरात्र प्रारंभ हो गया। लेकिन लोगों ने लॉकडाउन के आदेश का इस बीच पूरा ख्याल रखा। लोग मंदिरों में पूजा अर्चना करने के बदले अपने घरों के पूजा गृह में मां की पूजा अर्चना की। इस बीच लोगों ने इस आपदा से बचाव के लिए मां से प्रार्थना की। बड़े मंदिरों के कपाट बंद होने के कारण यहां लोग नदारद दिखे। ग्रामीण क्षेत्र की देवी मंदिरों में भी लोगों ने पूजा के लिए जाने में परहेज किया। नवरात्र के दौरान हमेशा गुलजार रहने वाले ग्रामीण मंदिरों के आसपास वीरानगी ही दिखी। लोग वायरस के संक्रमण से खुद के बचाव के प्रति अधिक सतर्क देखे।
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मंदिरों में पुजारी ने की आरती व पूजा अर्चना
गोपालगंज : बुधवार को चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन ऐतिहासिक थावे दुर्गा मंदिर में पुजारी ने पूजा अर्चना व आरती की। इस बीच सुबह की आरती में मंदिर के तीन पुजारी को छोड़ किसी को भी मंदिर परिसर में जाने की अनुमति नहीं दी गई। लछवार, घोड़ाघाट व देवीगंज स्थित मां दुर्गा के मंदिरों में भी यहीं स्थिति दिखी।
Posted By: Jagran
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