कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए हाईजीन का ख्याल रखना ही बचाव की एकमात्र विकल्प है. हेल्थ के एक्सपर्ट्स का मानना है कि सैनिटाइजर या साबुन से अच्छे से हाथ धोकर ही आप इस जानलेवा वायरस से बचा जा सकते हैं, लेकिन इसे लेकर लोगों के बीच बड़ी बहस है कि साबुन सैनिटाइजर में से कौन सबसे ज्यादा सही विकल्प है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ वेल्स के प्रोफेसर पॉल थॉर्डर्सन ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए साबुन को सही विकल्प बताया है. वायरस में मौजूद लिपिड का साबुन आसानी से खात्मा करता है. आपको बता दें कि फैटी एसिड सॉल्ट जैसे तत्व साबुन में होते हैं, जिन्हें एम्फिफाइल्स कहते हैं. वायरस की बाहरी परत को ये तत्व निष्क्रिय करते हैं. करीब 20 सेकंड तक हाथ धोने से वो लसीला पदार्थ नष्ट हो जाता है, जो कोरोना वायरस को एकसाथ जोड़ता है.
कई बार हम लोग महसूस किए हैं कि साबुन से हाथ धोने के बाद स्किन थोड़ी रुखी हो जाती है उसमें कुछ झुर्रियां पड़ने लगती हैं. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि साबुन काफी गहराई में जाकर कीटाणुओं को मारता है. अब हम बात करते हैं कि सैनिटाइजर क्यों साबुन जितना प्रभावशाली नहीं है. जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के एक शोध के अनुसार, जेल, लिक्विड या क्रीम के रूप में मौजूद सैनिटाइजर कोरोना वायरस से लड़ने में साबुन जितना प्रभावी नहीं है.
कोरोना वायरस का सामना सिर्फ वही सैनिटाइजर कर सकेगा, जिसमें एल्कोहल की मात्रा अधिक होगी. सामान्य तौर पर इसके लिए इस्तेमाल होने वाला साबुन ज्यादा बेहतर विकल्प है.