राज्य ब्यूरो, पटना। कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग के बीच देश के साथ बिहार में 21 दिनों के लॉक डाउन की घोषमा के बाद रोजमर्रा की जरूरतों और राशन पानी की बढ़ती कालाबाजारी की खबरों को लेकर राज्य सरकार सख्त हो गई है। बुधवार को राज्य के मुख्य सचिव ने मामले की गंभीरता पर संज्ञान लेकर जिलाधिकारियों के नेतृत्व में उड़न दस्ता बनाने के निर्देश दिए। आदेश के बाद खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है।
विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने बताया कि कि किसी भी परिस्थिति में बिहार के किसी जिले में कहीं भी कालाबाजारी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि आवश्यक उपभोक्ता कानून के तहत दुकानों में उपलब्ध खाद्यान्न और उनके दाम दुकान के बाहर प्रदर्शित करना सुनिश्चित कराया जाए।
उन्होंने बताया कि बिहार एसेंशियल कमोडिटीज प्राइस एंड स्टॉक डिस्प्ले ऑर्डर सभी जिलों में लागू कर दिया गया है। अब दुकानदारों को कानून के तहत दाम और स्टॉक का प्रदर्शन करने के बाद ही चीजों की बिक्री करनी होगी। अगले 24 घंटे के अंदर सभी दुकानों में भंडारण और मूल्य तालिका में अंकित होना अनिवार्य होगा।
सचिव पाल ने बताया कि सभी जिलों के डीएम, एसडीओ, एसडीपीओ और अन्य अधिकारियों को छापेमारी दस्ता बनाने का निर्देश दे दिया गया है। पंकज पाल ने राज्य की जनता से अपील की है कि वे अतिरिक्त भंडारण करने से बचें। जल्द ही अन्य राज्यों से आने वाले अनाज और अन्य खाद्य सामग्री के लिए पूरी व्यवस्था की जा रही है। राज्य में खाद्यान्न की किसी तरह की कमी नहीं है और ना ही आगे होने दी जाएगी।
बता दें कि लॉकडाउन के बाद कई जिलों से आवश्यक वस्तुओं जैसे अनाज और सब्जियों के दाम में बेतहाशा वृद्धि और कालाबाजारी की खबरें मिल रही हैं, जिसपर लगाम लगाने की सरकार ने घोषणा की है।