चीन से शुरु हुए कोरोना वायरस से बचाव के लिए अब चीन ने भारत से मदद की गुहार लगाई है. चीन के विदेश मंत्री वॉन्ग यी ने कोरोना को लेकर भारत का साथ मांगा है. उन्होंने कहा है कि भारत को इस बर्ताव का विरोध करना चाहिए, यह पूरा मामला तब शुरु हो गया जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड टंप ने कोरोना वायरस को चाइनीज वायरस बताया है. इसको लेकर चीन ने आपत्ति जाहिर की है. और उन्होंने इसको लेकर भारत का साथ मांगा है.
इस पूरे मामले को लेकर भारत में चीन के राजदूत सुन वीडॉन्ग ने इसकी जानकारी दी है. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वॉन्ग यी से फोन पर बात की. उन्होंने बताया कि वॉन्ग ने भारत के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में साथ खड़े होने की बात कही है. इधर चीन अपना एक्सपीरियंस भारत के साथ शेयर करने की बात कह रहा है. और साथ ही भारत को इस वायरस को मदद करने के लिए भी कह रहा है.
चीन के वॉन्ग यी ने कहा कि वायरस को चीन का नाम देना स्वीकार नहीं किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि भारत ऐसी संकुचित सोच का विरोध करेगा. भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा है कि वायरस को लेबल नहीं करने की सहमति जताई है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुटता का संदेश देना चाहिए. चीन ने कहा है कि भारत और चीन को इस समय एक साथ मिलकर लड़ने की जरुरत है. इस समय एक दूसरे को सपॉट करने की जरुरत है. विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन के संदेश और मेडिकल सहायता के लिए चीन को धन्यवाद दिया है.