मोतिहारी। कहते हैं जब भयंकर आपदा आती है तो हर कोई उससे बचाव की तरकीब बनाने में जुट जाता है। क्या अच्छा-क्या बुरा सभी लोगों को अपनी जान की फिक्र बढ़ जाती है। जिला मुख्यालय स्थित केन्द्रीय कारा मोतिहारी में भी यह नजर आने लगा है। जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही तब जान लेने वाले हाथ भी जान बचाने के लिए आगे बढ़ निकले। जी हां, मोतिहारी केंद्रीय कारा के बंदी इन दिनों जेल में रहकर मास्क का निर्माण करने में जुटे हैं। ताकि, दूसरों की जान की रक्षा हो सके। केंद्रीय कारा में बंद इन कैदियों की रचनाधर्मिता व सकारात्मक सोच से शीघ्र ही जिले के लोग भी लाभान्वित होंगे। मोतिहारी केन्द्रीय कारा में निर्मित मास्क का जिले के सभी बाजारों में भी उपलब्ध कराया जाएगा। जिसका उपयोग बंदी के अलावा शहर व जिले के लोग भी कर सकेंगें। जेल में 35 स्वचालित सिलाई मशीनों से मास्क बनाये जा रहे हैं। मास्क निर्माण करने वाले बंदियों को इसका लाभ भी मिल रहा है। मास्क निर्माण में प्रशिक्षित कैदियों को लगाया गया है। खास बात यह कि बंदी खुद के द्वारा निर्मित मास्क का ही उपयोग भी कर रहे हैं। इस कार्य में सभी जुटे सभी लोग सजायाफ्ता बंदी है। इससे उन्हें रोजगार का एक बेहतर अवसर भी मिला है। साथ ही वे जेल के अंदर के लोगों के बीच स्वरोजगार का अलख भी जगा रहे हैं।
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इनसेट
सर्विलांस पर रखे जा जेल में आने वाले नये बंदी
कारा में आने वाले नये बंदियों को अब एक अलग वार्ड में रखा जा रहा है। वहीं पर उन बंदियों के भोजन-पानी की व्यवस्था की गई है। चिकित्सकों की टीम उनलोगों पर लगातार नजर रख रही है। जिस वार्ड में इन्हें रखा जा रहा है वह पूरी तरह से आईसोलेटेड है। इस वार्ड में रह रहे बंदी को अभी सधारण वार्ड में नहीं जाने दिया जा रहा है। वहीं कारा के अन्दर के दरवाजे व ताले की भी बराबर सफाई कराई जा रही है। उसपर भी छिड़काव किया जा रहा है। बाहर में ड्यूटी करनेवाले जेल कर्मी को बाहर में ही रखा जा रहा है। कैदियों से उनकी भी मुलाकात नहीं कराई जा रही है।
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वर्जन
केन्द्रीय कारा में बंद 200 सजायाफ्ता बंदी मास्क का निर्माण कर रहे हैं। प्रतिदिन लगभग 500 मास्क का निर्माण किया जा रहा है। इसे बंदियों के अलावा उपकारा व बाजार में भी आपूर्ति कराये जाने की योजना है। जिन व्यक्तियों को मास्क की आवश्यकता है। उन्हें जेल प्रशासन द्वारा मुहैया कराया जाएगा।
विदु कुमार
जेल अधीक्षक
मोतिहारी केंद्रीय कारा