संवाद सहयोगी, नवादा : 25 मार्च, बुधवार से चैत्र नवरात्रि का आरंभ हो रहा है। चैत्र मास के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होकर रामनवमी तक मां दुर्गा का पावन पर्व नवरात्रि मनाया जाएगा। इन नौ दिनों में मां की अलग-अलग रूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन दिनों उपवास का भी विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि में शक्ति के नौ रूपों की पूजा करने से सभी तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं और जीवन में सुख, शांति आ जाती है। चैत्र नवरात्रि के आरंभ से ही हिदू नववर्ष की शुरुआत भी हो जाता है। कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले इसे लेकर श्रद्धालु मंदिरों की बजाए घरों में ही मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना करेंगे। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि मां कोरोना वायरस को हर लेगी और सभी भक्तों को आशीर्वाद देकर विदा होंगी। रजौली निवासी मां भगवती ज्योतिष वेद विज्ञान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित वेद मूर्ति प्रियवत शास्त्री ने बताया कि इस बार नौ दिनों तक मां की आराधना होगी। बुधवार को दिन के 3:51 बजे तक प्रतिपदा तिथि है।
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कलश स्थापना
- नवरात्रि प्रारंभ होते ही कलश स्थापना की जाती है। कलश स्थापना करने से घर में सकारात्मकता का वास होता है और घर में खुशहाली आ जाती है। कलश स्थापना के बाद नौ दिनों तक अखंड ज्योति जलाई जाती है और विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। कलश स्थापना के बाद ही उपवास का प्रण लेकर उपवास रखे जाते हैं।
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हिदू नववर्ष
- चैत्र नवरात्रि के प्रारंभ होते ही हिदू नववर्ष की शुरुआत हो जाती है। इस साल 25 मार्च से हिदू नववर्ष विक्रम संवत 2077 (नाम: प्रमादी) का आगाज हो जाएगा।
- नव संवत 2077 का
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मां का आगमन शुभ
- इस नवरात्र में मां के आगमन और गमन का महत्व नहीं रहता है फिर भी कुछ ज्योतिषाचार्य के मुताबिक मां का आगमन नाव पर हो रहा है जो शुभ माना जा रहा है। इस दिन रेवती नक्षत्र मिल रहा है जो रात 4:45 बजे तक है। इस दिन प्रात काल से ही मां की आराधना शुरू हो जाएगी और कलश स्थापना कर मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाएगी।
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पैकेजिग-1
28 से चैती छठ शुरू
- चैती छठ महापर्व 28 मार्च से शुरू हो जाएगा। चार दिवसीय छठ महापर्व के पहले दिन नहाय-खाय का अनुष्ठान होगा। इस दिन व्रत धारी प्रात: स्नान ध्यान कर भगवान सूर्य की पूजा कर बिना किसी विघ्न बाधा के पर्व संपन्न हो जाए इसकी कामना होगी। 29 मार्च को दूसरे दिन खरना का अनुष्ठान होगा। दिनभर व्रती उपवास रखकर सूर्यास्त के बाद भगवान की पूजा-अर्चना करेंगे। खीर,र ोटी,फल आदि का नैवेद्य अर्पित कर सब की मंगल कामना की प्रार्थना करेंगे। 30 मार्च को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा और 31 मार्च को उदयाचलगामी भगवान को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो जाएगा।
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पैकेजिग-2
दौ अप्रैल को रामनवमी
- जिले में 2 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान राम की पूजा होगी। इस दिन पूर्णवसु नक्षत्र भी मिल रहा है। इसके पहले 25 मार्च से हिदू नव वर्ष शुरू हो जाएगा। इस दिन रजौली के विभिन्न मंदिरों में भक्तों मां की आराधना के लिए जाएंगे और पूरे वर्ष की खुशहाली के लिए प्रार्थना करेंगे। इस वर्ष वर्ष के राजा बुध हैं। इस दिन भगवान का नाम लेकर तेल उबटन आदि लगाकर नया वस्त्र धारण कर घर में झंडा लगाने, नए साल का पंचांग श्रवण करने और इसका दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन से कृषि कार्यों की शुरुआत हो जाती है।
Posted By: Jagran
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