सहरसा। विद्युत विभाग में फर्जी आइटीआई के प्रमाण पत्र पर वर्षों से कनीय सारणी के पद पर नौकरी कर रहे कर्मी आलोक कुमार के खिलाफ सदर थाना में कार्यपालक अभियंता राहुल कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। प्राथमिकी में कहा है कि कोसी विद्युत आपूर्ति क्षेत्र सहरसा के द्वारा निर्गत विज्ञापन सूचना के प्रकाशन व ज्ञापन के आधार पर मधुबनी जिला के लखनौर थाना क्षेत्र के रूपौली गांव निवासी आलोक कुमार द्वारा शैक्षणिक प्रमाण पत्र में आइटीआइ दीघा, पटना का प्रमाण पत्र समर्पित किया गया था। उक्त कागजात के आधार पर आलोक कुमार को अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया गया। चयन सूची के आधार पर छह मई 2008 को आलोक कुमार ने योगदान किया और 28 अगस्त 2018 तक कार्यरत रहे। दिनांक एक अप्रैल 2015 से बिहार स्टेट पावर कंपनी लिमिटेड द्वारा संविदा का नियमतीकरण किया गया। इसी क्रम में उनके द्वारा समर्पित आइटीआई प्रमाण पत्र व अंकपत्र का सत्यापन कराया गया। सत्यापन के बाद आईटीआई के प्रमाण पत्र को जाली बताया गया। जिसके बाद एक सितंबर 2018 को आलोक कुमार ने अपनी सेवा से स्वेच्छापूर्वक त्यागपत्र दे दिया गया। उन्होंने कहा है कि सेवाकाल में आलोक कुमार द्वारा 17 लाख 47 हजार 517 रुपये कंपनी के साथ फर्जीवाड़ा कर गबन किया। मामले में थानाध्यक्ष आरके सिंह ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
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Posted By: Jagran
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