कोरोना वायरस 'कोविड-19'' के मद्देनजर जारी लॉकडाउन और अस्थायी तौर पर देश में सभी नियमित यात्री उड़ानों पर प्रतिबंध के बीच विमान सेवा कंपनियां लोगों को किराये के पैसे नहीं लौटा रही हैं जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस 'कोविड-19' के मद्देनजर जारी लॉकडाउन और अस्थायी तौर पर देश में सभी नियमित यात्री उड़ानों पर प्रतिबंध के बीच विमान सेवा कंपनियां लोगों को किराये के पैसे नहीं लौटा रही हैं जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यात्री संख्या के लिहाज से देश की सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी इंडिगो ने आज बताया कि जिन यात्रियों ने 30 अप्रैल तक की यात्रा के लिए टिकट बुक कराये हैं, टिकट रद्द कराने पर उन्हें पैसे लौटाने की बजाय 'रिजर्वेशन क्रेडिट' दिया जायेगा। यात्री 'रिजर्वेशन क्रेडिट' का इस्तेमाल उसी नाम से 30 सितंबर तक टिकट बुक कराने के लिए कर सकेंगे। यात्री 30 सितंबर तक की यात्रा के लिए बुक कराये टिकट की तारीख में बदलाव भी करा सकते हैं। इसके लिए कोई अनंतरण शुल्क नहीं लिया जायेगा किराया ज्यादा होने की स्थिति में हालांकि मूल्य का अंतर यात्री को देना होगा। यात्रा की परिवर्तित तारीख भी 30 सितंबर तक ही होनी चाहिए। किफायती विमान सेवा कंपनी स्पाइसजेट ने बताया कि यात्री उड़ानों पर सरकार के पूर्ण प्रतिबंध के कारण 25 मार्च से 31 मार्च तक की यात्रा के सभी टिकट वह स्वत: रद्द कर रही है।इसके बदले वह यात्रियों को रिजर्वेशन क्रेडिट देगी जिसका इस्तेमाल यात्रा की मूल तारीख से एक साल के भीतर उसी नाम से टिकट बुक कराने के लिए किया जा सकेगा। गोएयर ने बताया कि 15 अप्रैल तक की यात्रा के लिए टिकट बुक कराने वाले यात्री यदि उड़ान पकड़ने के लिए नहीं आते हैं तो कंपनी स्वत: उनका पीएनआर सुरक्षित कर देगी। उस पैसे का इस्तेमाल एक साल तक टिकट बुक कराने के लिए किया जा सकेगा।