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जागरण संवाददाता, सासाराम : किशोर न्याय अधिनियम के तहत प्रधान मजिस्ट्रेट कुमारी ज्योतष्ना पाठक के निर्देश पर किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य संतोष कुमार ने स्थानीय मंडलकारा का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कुछ किशोर जेल में पाए गए, जबकि किशोरों को जेल में रखा जाना कानून का उल्लंघन है। उन्होंने जेल अधीक्षक संजीव कुमार को बताया कि किशोरों को जेल में नहीं रखना है। जैसे ही कोई किशोर दिखे, किशोर न्याय बोर्ड को सूचित करें। कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने वाले व अनुसंधान अधिकारी की संवेदनहीनता द्वारा जांच में त्रुटि के चलते किशोरों को जेल में रहने पर विवश होना पड़ रहा है।
उन्होंने कोरोना महामारी को ले जेल प्रशासन द्वारा एहतियात बरते जाने पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि जितने भी नए बंदी आ रहे हैं, उनकी स्क्रिनिग के बाद ही जेल में प्रवेश करने दिया जा रहा है। एक सप्ताह तक मिलने जुलने पर रोक लगा दी गई है जो भी बाहर से आ रहे हैं उनका साबुन से हाथ धुलवाया जा रहा है। किशोर न्याय बोर्ड द्वारा भी 31 मार्च तक किसी किशोर की पेशी को रोक दिया गया है। जेल के अंदर भी बंदियों में जागरुकता है।
Posted By: Jagran
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