जमुई। नगर थाना क्षेत्र के चंदवारा गांव निवासी किसान सुरेश सिंह हत्याकांड में गुरुवार को मामला दर्ज किया गया है।
मृतक के पुत्र प्रमोद सिंह के बयान पर दर्ज एफआइआर में गांव के ही साकिन्द्र यादव, सतीश यादव, सीताराम यादव, सुरेश यादव, रामाश्रय यादव तथा दशरथ यादव को नामजद किया गया है। पुत्र प्रमोद ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि वह 18 मार्च की संध्या पांच बजे अपने पिता सुरेश सिंह के साथ जमुई से घर लौट रहा था। गांव स्थित मवि के समीप पहुंचते ही लाठी-डंडा तथा तलवार से लैस आरोपितों ने दोनों को जबरन रोक लिया तथा तलवार से पिता की गर्दन पर वार कर दिया। जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। घटना के बाद सभी आरोपित यादव टोला की ओर भाग निकले। एसडीपीओ रामपुकार सिंह ने बताया कि नामजद लोगों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है। शेष की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
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हत्या का कारण चुनावी रंजिश तो नहीं
जमुई: सुरेश सिंह हत्याकांड का पर्दाफाश वैसे तो पुलिस अनुसंधान के बाद ही हो सकेगा, लेकिन हत्या की इस वारदात के पीछे कई तरह की चर्चाएं सुनी जा रही है। हत्याकांड को चुनावी रंजिश से भी जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जाता है कि वर्ष 2004 के लोक सभा चुनाव के दिन चंदवारा गांव में दो पक्षों के बीच तनाव के बाद अनिक यादव नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। इस कांड में सुरेश सिंह तथा उनके भाई को नामजद किया गया था। जबकि दूसरे पक्ष के लोगों के खिलाफ भी थाने में मामला दर्ज किया गया था। तब से लेकर आज तक गांव में दोनों पक्षों के बीच नहीं बन रह रही थी। कहा जाता है कि हाल के दिनों में दोनों पक्षों के बीच सुलह हो चुकी थी। इसमें मुख्य भूमिका राजद जिलाध्यक्ष सह जिला परिषद के उम्मीदवार सरयुग यादव ने निभाई थी, लेकिन गांव के कुछ लोग इस सुलह के विरोध में थे। संभावना व्यक्त की जा रही है कि उन्हीं लोगों ने घटना को अंजाम दिया है।
Posted By: Jagran
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