53 फीसद किसानों को नहीं मिला धान का समर्थन मूल्य

जहानाबाद : किसानों को अब औने-पौने दाम पर धान बेचने की मजबूरी है। सरकार ने 31 मार्च तक धान क्रय के लिए समय निर्धारित किया है लेकिन अब तक मात्र 48 फीसद ही किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ मिल सका।

धान अधिप्राप्ति के लिए मात्र 12 दिन ही शेष रह गए हैं। इस वर्ष पहले मौसम की मार झेल रहे किसानों को धान अधिप्राप्ति की मंद गति से हो रही है। पैक्स कभी नमी का तो कभी पैसे की कमी का हवाला देकर किसानों से धान खरीदने के लिए टाल मटोल करते रहे। शादी विवाह के मुहूर्त को देखते हुए बाजारों में ही औने पौने दामों पर अपना बेचना पड़ा। पैक्स अध्यक्षों को भी कहीं न कहीं इसमें विभागीय उदासीनता का कोपभाजन बनना पड़ रहा है। हालात यह है कि पैक्स द्वारा एफसीआई को सीएमआर उपलब्ध कराया गया था लेकिन चावल में नमी की मात्रा अधिक बताकर लेने से इनकार कर दिया। इसका सीधा असर धान अधिप्राप्ति पर पड़ रहा है। तीन महीने में मात्र 47.32 फीसद ही धान अधिप्रप्ति हो सकी है। 3880 किसान ही पैक्स या व्यापार मंडल में धान बेच पाए हैं। इन किसानों से 23 हजार 660 एमटी धान की खरीददारी की गई। 3763 किसानों को विभिन्न बैंक के माध्यम से 40 करोड़ 47 लाख 89 हजार 493 रुपये भुगतान किए गए है। शेष किसानों को भेजने की प्रक्रिया चल रही है। अब तक 8004 किसानों द्वारा ऑन लाइन पंजीकरण कराया गया है। इसमें 3971 रैयत एवं 4033 गैर रैयत किसान शामिल हैं। 7754 किसानों का आवेदन स्वीकृत कर लिया गया है। 250 सत्यापन के लिए लंबित है जबकि 107 आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया है। इस वर्ष सहकारिता विभाग ने 50 हजार मिट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसे 31 मार्च तक प्राप्त करना है। इस वर्ष जिले में 84 पैक्सों तथा तीन व्यापार मंडलों को धान खरीद की जिम्मेदारी दी गई थी।
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-- कोट --
प्रारंभिक समय में नमी के कारण धान की अधिप्राप्ति में समस्या उत्पन्न हो रही थी। अब किसानों को धान बेचने में कोई परेशानी नहीं हो रही है। धान अधिप्राप्ति के उपरांत किसानों के खाते में 48 घंटे में ही पैसे स्थानांतरित कर दिए जा रहे हैं। प्रयास है कि लक्ष्य के अनुरुप धान की अधिप्राप्ति हो सके।
बाबू राजा,
जिला सहकारिता पदाधिकारी।
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Posted By: Jagran
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