अरवल : बहुचर्चित सेनारी नरसंहार में मारे गए लोगों के स्मारक पर बुधवार को शहादत दिवस के रूप में श्रद्धांजलि दी गई। नरसंहार की बरसी पर गांव के लोगों के अलावा आसपास के लोगों ने श्रद्धांजलि दी।
अहमदपुर हरना के पूर्व मुखिया जितेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में लोगों ने शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित किया। 18 मार्च 1999 को एमसीसी के हथियारबंद लोगों ने गांव में गला रेतकर सामूहिक हत्या कर दी थी। ग्रामीणों ने कहा कि घटना के बाद राजनेता आंसू पोंछने आए और आश्वासन का ढेर लगाकर चले गए। तब जो वादे गांव के विकास के लिए किए गए थे अंजाम तक नहीं पहुंचा। गांव के स्वास्थ्य केंद्र में झाड़ू तक नहीं लगता है। विद्यालय की स्थिति भी खराब है। शिक्षा के लिए गांव के बच्चों को बाहर जाना पड़ता है। वोट देकर जो सरकार बनाई लेकिन निराशा ही हाथ लगी है।
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इस मौके पर समाज को राजनीति और सत्ता में हिस्से के लिए संघर्ष का आह्वान किया गया। स्मिता की रक्षा के लिए एकजुट होने पर बल दिया गया। ऐसी ताकत बनाएं कि जो लोग हिसा में विश्वास करते हैं उन्हें हम अपनी एकता के बदौलत मुंहतोड़ जवाब दे सकें और समाज में अपनी पहचान बना सकें। इस मौके पर पूर्व विधायक चितरंजन कुमार, भूमिहार एकता मंच के अध्यक्ष आशुतोष कुमार, सवर्ण सेना के अध्यक्ष सुमित सरकार, भाजपा नेत्री इंदु कश्यप, पूर्व मुखिया बागेश शर्मा, रवि शर्मा, नीतीश कुमार, जयप्रकाश शर्मा आदि लोगों ने भी अपना विचार व्यक्त किया।
Posted By: Jagran
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